भारत के राज्य पंजाब के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी सरकार की मर्जी से मिलती थी. अब वे अपनी पसंद के विभाग में आवेदन कर सकेंगे. प्रदेश के खिलाड़ियों को अब राज्य के हर सरकारी विभाग में 3 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. आरक्षित सीटों पर खिलाड़ियों का मुकाबला अपनी ही कैटेगरी के साथ होगा. पंजाब सरकार की नई खेल नीति में इसके लिए प्रावधान किया गया है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले इनामी राशि कम होने और नौकरियों की कमी होने के कारण दूसरे राज्यों में जाकर खेलते थे. खिलाड़ियों के पलायन रोकने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह सोढी ने पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली इनाम राशि दोगुना करने और सभी विभागों में उनके लिए तीन फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी.
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इस मामले को लेकर राणा सोढ़ी के अनुसार पिछले साल खिलाड़ियों को बढ़ी हुई इनाम राशि दी है. जबकि अब अगले वित्तीय वर्ष से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए राज्य सरकार के हर विभाग में 3 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित रखी जाएंगी.खेल मंत्री के मुताबिक पहले भले ही खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि के आधार पर अतिरिक्त नंबर दिए जाते थे. लेकिन उनका मुकाबला अकादमिक स्तर पर मजबूत उम्मीदवारों से ही होता था, अब ऐसा नहीं होगा. सरकारी नौकरी के लिए खिलाड़ियों का मुकाबला अपनी ही कैटेगरी से होगा.
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