'आप राहुल गांधी से मेरा झगड़ा करवा देंगे..', कांग्रेस सांसद को लेकर अडानी ने दिए बेबाक बयान
'आप राहुल गांधी से मेरा झगड़ा करवा देंगे..', कांग्रेस सांसद को लेकर अडानी ने दिए बेबाक बयान
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नई दिल्ली: विश्व के तीसरे सबसे रईस व्यक्ति गौतम अडानी ने शनिवार (7 जनवरी) को कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी को लेकर बेबाकी से जवाब दिया। दरअसल, राहुल गांधी अक्सर मोदी सरकार को घेरने के लिए गौतम अडानी को जुबानी हमले करते रहते हैं। राहुल अक्सर अडानी को धन्ना सेठ बताते हुए गरीब और मध्यमवर्गीय मतदाताओं को अपने पक्ष में करने कि कोशिश करते रहते हैं। इसको लेकर जब एक टीवी कार्यक्रम में अडानी सवाल किया गया तो उन्होंने राहुल गांधी को सम्मानीय नेता बताते हुए कहा कि उन्हें (राहुल को) भी पॉलिटिकल पार्टी चलानी है।

गौरतलब है कि, बीते कुछ वर्षों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी पर जमकर जुबानी हमले किए हैं। वे केंद्र सरकार पर अडानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं। एक इंटरव्यू में राहुल गांधी को लेकर किए गए सवाल पर अडानी ने कहा कि, 'बार-बार राहुल जी की बात करके आप मेरा राहुलजी से झगड़ा करवा देंगे और वे कल मुझे लेकर एक और बयान दे देंगे। राहुल जी एक सम्माननीय नेता हैं। उनको भी अपनी पॉलिटिकल पार्टी चलानी है। उनकी विचारधारा की लड़ाई होती है। उसमें आरोप-प्रत्यारोप होता है। मैं तो एक आम उद्योगपति हूं। मैं मेरा काम करता हूं। वो पॉलिटिक्स अपने हिसाब से करते हैं।'

टीवी कार्यक्रम में शामिल हुए गौतम अडानी ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे भी उन्नति पाना चाहते हैं। हो सकता है कि वे सियासी भावना से टिप्पणी कर रहे हों, मगर मैं उसे केवल राजनितिक बयानबाजी से अधिक कुछ नहीं लेता। अडानी ने आगे कहा कि, '2014 से पहले, खास तौर पर उत्तर भारत में लोगों ने अडानी का नाम शायद ही सुना होगा। हम गुजरात से संबंध रखते हैं, जहां के लोग हमें जानते थे। लेकिन, 2014 के चुनाव के दौरान और उसके बाद राहुल जी ने हम पर निरंतर हमले किए। जिसका परिणाम यह हुआ कि यहां के लोगों को भी पता चल गया कि अडानी कौन हैं और इसलिए मैं यहां आपके सामने बैठा हूं।'

पीएम मोदी को लेकर अडानी ने कही ये बात:-

वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर अडानी ने कहा कि मुझे अपने जीवन में 3 बड़े ब्रेक मिले। पहला ब्रेक, 1985 में राजीव गांधी के शासन के दौरान मिला, जब एक्ज़िम नीति ने हमारी कंपनी को एक वैश्विक व्यापारिक घराना बनने की इजाजत दी। जबकि, दूसरा 1991 में जब कांग्रेस की सरकार में पी.वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को खोला और हम सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में दाखिल हुए। उन्होंने आगे बताया कि तीसरा ब्रेक उन्हें गुजरात में नरेंद्र मोदी के 12 वर्षों के लंबे कार्यकाल के दौरान ब्रेक मिला। अडानी ने कहा कि, 'मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि यह एक बेहद अच्छा अनुभव था। मगर, मैं आपको बताना चाहता हूं कि मोदी जी से आपको कभी कोई निजी सहायता नहीं मिल सकती है। आप उनसे राष्ट्रहित की नीतियों के संबंध में बात कर सकते हैं, मगर जब कोई नीति बनाई जाती है, तो वह सभी के लिए होती है, सिर्फ अडानी समूह के लिए नहीं।

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