वास्तु शास्त्र व्यक्ति के जीवन से वास्तु दोष को दूर करने का एक उचित माध्यम है. वास्तु शास्त्र के उपयोग से व्यक्ति के जीवन से जुड़ी समस्त वस्तुओं के दोष को प्रभावी रूप से कम किया या दूर किया जाता है. वास्तु शास्त्र हमें सिखाता है की हमारे घर,परिवार , आस–पास के वातावरण में व्याप्त वास्तु दोष को किस प्रकार कुछ छोटे छोटे उपायों के माध्यम से कम या समाप्त किया जाता है. जब हमारे जीवन से वास्तु दोष दूर होता है तो उसकी जगह सुख ,सम्रद्धि और शांति ले लेती है जिससे हमारा जीवन सुखमय हो जाता है.
सभी व्यक्ति अपने घर बहुत सी खाने पीने की चीजें बाजार से लेकर आते है जिसमे फल भी होते है फल हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होते है तथा सभी व्यक्तियों को अधि से अधिक फल का सेवन करना चाहिए.किन्तु वास्तु शास्त्र में बताया गया है की फल खाकर उसका छिलका कूड़ेदान में नहीं फेकना चाहिए. अपितु उसे बहार या फिर किसी जानवर को खिला देना चाहिए.ऐसा करने से व्यक्ति को अच्छे मित्रों की प्राप्ति होती है और उनसे आपका रिश्ता भी मजबूत होता है.
व्यक्ति को कभी भी अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास कूड़ादान नहीं रखना चाहिए करने से उसका पडोसी ही उसका शत्रु बन जाता है. सूर्यास्त के समय किसी भी व्यक्ति को मांगने पर भी दूध दही या प्याज नहीं देना चाहिए इससे आपके घर की सम्रद्धि समाप्त होती है. व्यक्ति को अपने घर के छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर नहीं धोना चाहिए ऐसा करने से उस व्यक्ति के सम्बन्ध उसकी ससुराल से खराब होते है. सभी व्यक्तियों को माह में एक बार कभी भी मिश्री की खीर बनाकर अपने पूरे परिवार को एकत्र कर साथ में खाना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा का उदभव होता है.
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