पीएम मोदी के इस विवादित बयान पर भड़क उठे थे संदन के लोग
पीएम मोदी के इस विवादित बयान पर भड़क उठे थे संदन के लोग
Share:

राजनीति दलों और उनके लोगों ने शर्म तो कब की बेच दी है. इतना ही नहीं कुछ जगह पर संसद हो या जनसभा पर इनके कई नेताओं की जुबान बहुत ही बदतर और गंदी होती है. ऐसा ही कुछ गुरुवार को राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव के मध्य हुआ था, जोकि आजाद भारत की पहली शर्मिदगी की बात थी. जानकारी के लिए हम बता दें कि कुछ समय पहले राज्यसभा में उपसभापति चुनाव का आयोजन किया गया था. एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह ने इस चुनाव ने अपनी बाजी मार ली. जबकि कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हार का सामना करना पड़ा. इसी दौरान एनडीए उम्मीदवार की विजय से अतिउत्साहित प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की सारी मर्यादाओं को लांघते हुए घटिया और विवादित बयान दे  दिया था.  जैसा की वह हमेशा ही अपनी जनसभाओं में भोली-भाली जनता को भड़काने और गुमराह करने के लिए देते है.  वहीं सदन में उनके बयान से बवाल पैदा हो गया. विपक्षी सांसदों ने एकजुटता दिखाते हुए इसकी शिकायत सभापति से कर डाली.

इसके उपरांत उनके इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है. इस बारे में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर ऐतराज जताया और सभापति से इसे कार्यवाही से हटाने का अनुरोध किया. उन्होंने पीएम की टिप्पणी के विरुद्ध  पॉइंट ऑफ ऑर्डर भी जारी कर दिया है. जिसके उपरांत सभापति ने भी बयान को विवादित मानते हुए सदन की जांच से बयान हटाने का निर्देश जारी किया. वहीं शुक्रवार को राज्यसभा के सचिवालय ने सूचना देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की विवादित टिप्पणी को हटा दिया गया है. वहीं इस पर मनोज झा ने ख़ुशी जाहिर करते हुए बोला कि, प्रधानमत्री मोदी ने यह टिप्पणी आपत्तिजनक और गलत मंशा से की जा रही थी. आगे उन्होंने दावा किया कि आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री की टिप्पणी को जांच से हटा दिया गया था.

क्या कहा था मोदी ने: जंहा इस बात का पता चला है कि जनसभाओं में मंच पर खड़े होकर भोली भाली जनता के सामने अनाब सनाब बोलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को भी भाजपा की किसी रैली का मंच समझ चुके थे. इसके उपरांत उनके एक एक शब्द ने सदन की गरिमा को छलनी कर दिया गया था. गुरुवार को NDA उम्मीदवार हरिवंश की जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि, 'अब सब कुछ 'हरि' भरोसे है. उम्मीद है कि हरि कृपा हम सब पर बनी रहेगी. दोनों पक्षों के प्रत्याशियों के नाम में 'हरि' जुड़ा है. ये चुनाव था जहां दोनों तरफ हरि थे, लेकिन एक तरफ बीके थे, उनके आगे बीके था, बीके हरि... कोई ना बिके. हरिवंश के सामने कोई 'बिके' नहीं.' वहीँ उनकी इस बीके और बिके वाली टिप्पणी पर सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की थी.

एल्गर परिषद मामला में पुलिस ने तीन और लोगों को किया गिरफ्तार

भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने केसीआर पर साधा निशाना

तेलंगाना सरकार ने पीवी नरसिंह राव को भारत रत्न प्रदान करने का लिया संकल्प

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -