भारत में तो 'पटाखों' से भी हो जाता है प्रदूषण ! फिर, एक महीने से बमबारी झेल रहे 'गाज़ा' में क्या होगी वायु गुणवत्ता ?
भारत में तो 'पटाखों' से भी हो जाता है प्रदूषण ! फिर, एक महीने से बमबारी झेल रहे 'गाज़ा' में क्या होगी वायु गुणवत्ता ?
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नई दिल्ली: इजराइल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है। दोनों के बीच चल रही जंग में हजारों लोगों की जान जा चुकी है, वहीं कई इमारतें भी नेस्तनाबूद हो चुकी हैं। हमास आतंकवादियों को जड़ से खत्म करने के मकसद से इजराइली सैनिक गाजा की जमीन पर निरंतर बम दाग रहे हैं। इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इजराइली सैनिकों ने अब तक गाजा पट्टी में तकरीबन 12 हजार ठिकानों पर हमला किया है, मगर गाजा पट्टी में कितनी इमारतें जमींदोज़ हुई हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। इजराइली सैनिकों ने गाजा पट्टी पर जहां हमला किया, उसमें कॉलेज और अस्पताल भी शामिल थे। जिसके चलते गाजा पट्टी में धूल और धुएं के गुबार उठ रहे हैं। 

अब आप सोच रहे होंगे कि, इतनी भारी बमबारी के बाद गाज़ा के लोग तो सांस ही नहीं ले पा रहे होंगे। वहां की हवाओं में जहर और बारूद घुल गया होगा। क्योंकि, आम भारतीय जनता अक्सर दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों पर प्रतिबंध लगते देखती है। कारण बताया जाता है कि, पटाखों से प्रदूषण फैलता है, और इसलिए तो इस साल सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों तक की अनुमति नहीं दी है, जो बेहद कम धुआं छोड़ते हैं। हालाँकि, दिवाली अभी आई नहीं है, और पटाखे भी नहीं फूटे हैं, लेकिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता (AQI) लगातार 450-500 बनी हुई है। हालाँकि, इसके लिए पराली जलाने को भी एक कारण माना जा रहा है। लेकिन अदालत सख्त है, और कोर्ट ने पराली जलाने के साथ ही देशभर में पटाखे फोड़ने पर चिंता जताई है। साथ ही राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि, वो भी अपने-अपने सूबों में पटाखों पर फैसले लें। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है तो, जरूर पटाखों से प्रदूषण होता ही होगा, लेकिन कितनी मात्रा में होता है, इसका डाटा सामने नहीं आया है। इसी बीच एक दिलचस्प तथ्य सामने है, वो तथ्य गाज़ा पट्टी को लेकर है। यानी, यदि पटाखे, बारूद आदि से काफी प्रदूषण फैलता है, तो गाज़ा पट्टी में इजराइल बीते 1 महीने से ताबड़तोड़ बमबारी कर रहा है, वहां क्या हालात होंगे ? लोग बेचारे सांस नहीं ले पा रहे होंगे ? 

तो आइए, जान लेते हैं कि कितना है गाजा का AQI?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, गाजा पट्टी के रफा, गाजा सिटी, खान यूनुस शहर में सबसे अधिक बमबारी हुई है। इसके कारण इन इलाकों में मलबा, आग का धुआं, बारूद के धुएं के चलते जबरदस्त प्रदूषण हो रहा है, किन्तु हैरान करने वाली बात ये है कि इन सब के बावजूद इन इलाकों की हवा हमारी दिल्ली की हवा से बेहद साफ है। ACCU वेदर द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार, गाजा में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 40 है, वहीं दिल्ली बिना पटाखे फूटने के 500 पार जा रही है। गाजा का AQI अच्छी वायु गुणवत्ता की श्रेणी में है। वहीं दिल्ली का AQI बहुत खराब की श्रेणी में आ रहा है। हालाँकि, इसके पीछे कारण क्या है, इसका जवाब नहीं मिला है। इजराइल के बमों से प्रदूषण क्यों नहीं फ़ैल रहा और दिवाली के पटाखों से कैसे और कितना प्रदूषण फैलता है ? इसका जवाब जानना भी दिलचस्प होगा।  

राष्ट्रीय राजधानी बनी गैस चैंबर:- 

बहरहाल, दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्रों में हवा निरंतर जहरीली होती जा रही है। दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में एयर क्वालिटी को साफ करने के लिए पटाखों, निर्माण कार्यों समेत कई चीजों पर पाबन्दी लगा दी है। दिल्ली में बुधवार को AQI 426 पर रहा, जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है। हालांकि, स्थिति से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से तमाम कोशिशें भी किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड ईवन योजना शुरू की है। बता दें कि, दिल्ली में यह चौथी बार ऑड-ईवन स्कीम शुरू हो रही है। इससे पहले दिल्ली में यह योजना 2016, 2017 और 2019 में शुरू की गई थी। हालांकि इमरजेंसी वाहन जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल व्हीकल को दिल्ली सरकार ने इस योजना से बाहर रखा था। 

दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली:-

बता दें कि, स्विस ग्रुप आईक्यूएयर ने विश्व के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है, जिसमें दिल्ली नंबर एक पर है। इस सूची को तैयार करने के लिए 3 नवंबर सुबह 7.30 बजे के डाटा का इस्तेमाल किया गया है। लिस्ट में भारत के तीन प्रमुख शहर शामिल हैं। 

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