भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने के साथ फाईल सार्वजनिक करने की मांग
भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने के साथ फाईल सार्वजनिक करने की मांग
Share:

भोपाल : स्वाधीन भारत के काल में तत्कालीन भारत सरकार पर शहीदवीर परिवार की जासूसी करने के आरोप लगाया गया है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि यादवेंद्र सिंह द्वारा इंटरव्यू में यह कहा गया कि 1983 तक इनके परिजन की जासूसी की जा सकती है। वर्ष 1983 में भगत सिंह के छोटे भाई कुलबीर सिंह के निधन होने तक जासूसी का सिलसिला जारी रहा। मिली जानकारी के अनुसार एक कार्यक्रम में शरीक हुए यादवेंद्र सिंह द्वारा कहा गया कि वर्ष 1983 में उनके परिवार द्वारा जासूसी की गई। तो दूसरी ओर भगतसिंह के छोटे भाई कुलबीर सिंह का निधन हो गया। यादवेंद्र सिंह ने कहा कि कुलबीर सिंह द्वारा अपने परिवार की जासूसी किए जाने का उल्लेख किया गया। भगतसिंह और सुखदेव के साथ राजगुरू को अधिकृत तौर पर शहीद कहलाने का दर्जा दिया जाता है।

यही नहीं वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करेंगे। इस मामले में यह बात कही गई है कि आरटीआई के अंतर्गत यह बात सार्वजनिक की गई है जिसमें कहा गया है कि भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया गया था या नहीं। इसी संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन भी दिया जा चुका है। मामले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु को लेकर भी कई तरह के राज़ कहे जा रहे हैं। इस मामले में भी केंद्र सरकार से फाईलें सार्वजनिक करने की मांग की गई।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार से नेताजी सुभाषचंद्र बोस के मामले में भी फाईलें सार्वजनिक करने की मांग की गई हैं। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल सरकार ने इन फाईलों को सार्वजनिक कर दिया है। जिसमें नेताजी और उनके परिवार से भी जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं।  इस मामले में यह कहा गया कि सरकारी रिकाॅर्ड में भगत सिंह को शहीद का स्थान नहीं मिला है। मगर इस बारे में यह मांग की जाती रही है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -