नई दिल्ली: फेसबुक की प्राइवेसी को लेकर आजकल एक मैसेज शेयर किया जा रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि यदि फेसबुक पर सेफ रहना चाहते हैं तो इस मैसेज को कॉपी पेस्ट कर पोस्ट कर दीजिये. इस मैसेज में कई कानूनों का हवाला दिया गया है. अगर आपने यह मैसेज अपनी टाइम लाइन पर पोस्ट किया है तो उसे डिलीट कर दीजिये क्योंकि उसका कोई मतलब नहीं है. यह मैसेज एक अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है|
ऐसे मैसेज 2012-13 से ही चल रहे हैं जो समय के साथ बदले स्वरूप में आते रहते हैं. जिन्हे बिना जांचे परखे शेयर करने लगते हैं. कुछ दिनों से प्राइवेसी को लेकर एक डरावना मैसेज सर्कुलेट होने लगा है जो इस प्रकार है|
यह मैसेज स्पैम है और अफवाह पर आधारित है. फेसबुक के उपयोग की सेवा एवं शर्तें लिखी होती हैं जिन्हे बिना सावधानी पढ़कर सहमति दे दी जाती है. अफवाह पर आधारित पोस्ट भेजने पर भी उसकी शर्तों में कोई अंतर् नहीं आता है|
इस फर्जी मैसेज के स्टेटमेंट में यूनिफार्म कमर्शियल कोड यूसीसी-१ -103 1 -308 का जिक्र किया गया है यह कमर्शियल लॉ है जिसका सोशल नेटवर्किंग या प्राइवेसी से कोई लिंक नहीं है. साथ ही रोम स्टेट्यूट की बात कही जा रही है इसे इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने स्थापित किया है, इसका कॉपीराइट कानून से कोई नाता नहीं है, अर्थात इस फर्जी मैसेज में जिन कानूनों का हवाला दिया गया है उनका सोशल नेट वर्किंग साइट्स और प्राइवेसी पर लागू ही नहीं होते|
इससे स्पष्ट है यह मैसेज और इसमें लिखा स्टेटमेंट निरर्थक है. यदि यूजर्स को अपनी प्राइवेसी की इतनी ही चिंता है तो फेसबुक की सेटिंग में जाकर सेफ रख सकते हैं. प्राइवेट सेटिंग के अलावा इसके अन्य ऑप्शन को ध्यान से देखें और उनका पालन करें तो अपनी निजता को सुरक्षित रखा जा सकता है|