गले मिले पर दिल नहीं, चाचा-भतीजे में हुई हाथापाई
गले मिले पर दिल नहीं, चाचा-भतीजे में हुई हाथापाई
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लखनऊ : यह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कभी कल्पना नहीं की होगी कि उनके सामने ही उनका बेटा अखिलेश और उनका भाई शिवपाल यादव हाथापाई कर लेंगे, जबकि मुलायम ने दोनों को गले मिलाना चाहा था। बीते दो दिनों से सपा कुनबे की आग ज्वालामुखी का रूप धारण कर चुकी है। बावजूद इसके मुलायम सिंह ने इस ज्वालामुखी को ठंडा करने का प्रयास सोमवार को एक बार फिर से किया, लेकिन सिंह के सामने ही दोनो चाचा भतीजे हाथापाई पर उतर आये। मंच पर दोनों गले तो मिले, लेकिन दिल में जहर भरा हुआ था, इसलिये दोनों हाथापाई करने से भी चूके नहीं। इसका असर भले ही मुलायम के दिल पर हुआ हो, लेकिन राजनीति में जब वर्चस्व की लड़ाई हावी हो जाती है तो फिर रिश्ते भी खत्म होने में देर नहीं लगती, ऐसा ही मुलायम के परिवार में हो रहा है।

मैं अमर का साथ नहीं छोडूंगा -

अखिलेश का यह आरोप है कि कुनबे में झगड़े का कारण अमर सिंह है और अखिलेश के समर्थक भी अमर सिंह पर ठिकरा फोड़ रहे है, लेकिन मुलायम है कि अमर सिंह का साथ छोड़ना नहीं चाहते है। उन्होंने साफ कह दिया है कि वे अमर सिंह का साथ किसी भी हालत में छोड़ेंगे नहीं। उनका कहना है कि अमर सिंह के कारण ही वे जेल जाने से बचे थे, इसलिये उनके लिये जितने अखिलेश और शिवपाल प्रिय है उतने ही अमर सिंह भी उनके लिये महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं।

उन्होंने पार्टी में कलह की बात पर विस्तार से अपनी बात कही। उन्होंने मुख्तार अंसारी से पार्टी के जुड़ाव की बात पर बचाव किया और कहा मुख्तार का परिवार एक सम्मानित परिवार है। गौरतलब है कि कौमी एकता दल का विलय सपा में होने की बात कही गई थी।। शिवपाल सिंह जनता के नेता हैं। इसके अलावा अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जो आलोचना नहीं सुन सकता  वो नेता नहीं बन सकता। हमारे एक इशारे पर युवा खड़े हो जाएंगे। ऐसा ना सोचें कि युवा हमारे साथ नहीं है। इस दौरान अखिलेश पर बरसते हुए मुलायम ने कहा कि पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया है। क्या जुआरियों और शराबियों की मदद कर रहे हो।

छलक पड़ा शिवपाल का दर्द

अपने भतीजे अखिलेश को लेकर शिवपाल का दर्द छलक पड़ा। हालांकि वे अपने को मंत्रिमंडल से हटाने के मामले में अखिलेश से खफा है लेकिन उनका कहना है कि वे अखिलेश से अपना रिश्ता तो तोड़ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि वे अखिलेश की हर बात मानते रहे है। उन्होंने कहा कि मैं साइकिल से गांव गांव जाता था और पार्टी के लिए काम करता था। आखिर क्या नेताजी के साथ मेरा योगदान नहीं है मैंने सीएम के किस आदेश को नहीं माना। मैंने मुख्यमंत्री अखिलेश का हर आदेश माना है। उन्होंने सीएम पर पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि सीएम ने मुझसे कहा कि मैं दल बनाउंगा और किसी भी दल से मिलकर चुनाव लडूंगा। यह मुझसे कहा था। उनके इतना कहते ही अखिलेश समर्थकों ने हंगामा मचा दिया। हालांकि कुछ देर बाद शोर समाप्त हो गया और शिवपाल यादव अपनी बात कहते रहे। शिवपाल यादव ने कहा कि दलालों को पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए। इसके अलावा शिवपाल यादव ने अमर सिंह का बचाव करते हुए कहा है किए कुछ लोग अमर सिंह के पैरों की धूल के बराबर भी नई है। इसके अलावा शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से अखिलेश को मुख्यमंत्री पद से हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने की बात कही है।

रो पड़े अखिलेश यादव

मुलायम सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक में पहुंचे अखिलेश यादव रो पड़े। उन्होंने अपने पिता को न केवल अपना गुरू बताया और इस बात से भी साफ इनकार कर दिया कि वे कोई नई पार्टी बनायेंगे। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में बिखराव की बात पर भावुक लहजे में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि नेताजी आपने जो भी कहा उसे मैंने बर्दाश्त किया। वे पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा आयोजित की गई बैठक में पहुंचे थे और उन्होंने बैठक में अपनी बात सामने रखी। उन्होंने कहा कि मैं नई पार्टी नहीं बनाने जा रहा हूं। पार्टी को 25 वर्ष हो चुके हैं। ऐसे में मैं पार्टी क्यों बनाउंगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवाद से पार्टी की प्रतिष्ठा खराब हुई है। उन्होंने अमर सिंह का विरोध करते हुए उन पर जवाबी हमला किया।

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