पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, झड़प में एक किसान की मौत, सीएम मान पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग
पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, झड़प में एक किसान की मौत, सीएम मान पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग
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चंडीगढ़: पंजाब के संगरूर के लोंगोवाल इलाके में सोमवार (21 अगस्त) को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक किसान की जान चली गई और सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। इलाके के किसान बाढ़ प्रभावित किसानों को आर्थिक मुआवजा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। पिछले कई दिनों से इस मुद्दे पर हलचल जारी थी और पंजाब पुलिस ने सोमवार को कई किसान नेताओं को अरेस्ट भी किया था।  मृतक किसान की पहचान 70 वर्षीय प्रीतम सिंह के रूप में हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ में एक आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद तनाव बढ़ गया।  संगरूर-बरनाला राजमार्ग पर बडबर गांव के पास एक सड़क और एक टोल प्लाजा को अवरुद्ध करने के लिए आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश के बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई। पुलिस ने स्पष्ट किया कि उनकी ओर से कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण किसान की मौत हो गई। 

 

संगरूर पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, 'लोंगोवाल में आज एक प्रदर्शनकारी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत, यह स्पष्ट किया गया है कि गवाहों और वीडियो के अनुसार प्रदर्शनकारियों द्वारा लापरवाही से चलाए जा रहे ट्रैक्टर ट्रॉली ने मृतक को कुचल दिया, जिससे एक पुलिस इंस्पेक्टर भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जो कुचलने से बाल-बाल बच गया। हमारी संवेदनाएं।' वरिष्ठ पुलिस अधिकारी SSP सुरेंद्र लांबा ने कथित तौर पर कहा कि प्रदर्शनकारियों से भरे ट्रैक्टर और ट्रॉलियां पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड के माध्यम से जबरन घुस गईं।  उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस पर लाठियों से हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन (आजाद) के विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया। विरोध स्थल से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक व्यक्ति को कुचलते हुए देखा जा सकता है और कुछ ही दूरी पर एक पुलिसकर्मी को जमीन पर बैठे किसानों को समझाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है।

 

SSP का कहना है कि किसानों को शांतिपूर्वक समझाने की कोशिश के बाद भी वे समझने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि, 'कुछ लोग हिंसक हो गए और हमारे लोगों (पुलिस) पर हमला कर दिया और एक के चेहरे पर चोट लग गई। लापरवाही से गाड़ी चलाने (किसानों द्वारा) के कारण इंस्पेक्टर दीपेंद्र को गंभीर चोटें आईं। एक या दो लोगों के चेहरे पर चोटें आई हैं।' वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, 'लोंगोवाल (सीएम के गृह जिले संगरूर में) में संकटग्रस्त और शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसान प्रीतम सिंह की दिनदहाड़े भयानक हत्या ने पूरे राज्य में, खासकर किसानों के बीच सदमे की लहर भेज दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि यह उनके आदेश पर किया गया था। इसे अंजाम देने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।'

 

बता दें कि, किसान मजदूर संघ समिति, भारतीय किसान यूनियन (के), बीकेयू (आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ सहित 16 किसान संगठनों द्वारा चंडीगढ़ पहुंचने का आह्वान किया गया था। बता दें कि, पंजाब में सत्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2020-2021 में कृषि कानूनों में किसानों के विरोध प्रदर्शन का पूरा समर्थन किया था, लेकिन वही किसान आज उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार पर मांगें पूरी न करने का आरोप लगा रहे हैं। 

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