पटना : बिहार के माथे एक और फर्जीवाड़े का सेहरा सजा है। मामला पंचायत चुनाव का है, जिसमें एक ऐसी महिला चुनाव जीत गई है, जिसकी मृत्यु 9 साल पहले ही हो चुकी है। सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर के एक गांव में हुए पंचायत चुनाव में जो महिला जीती है, उसकी मौत 9 साल पहले ही हो गई थी।
हैरानी की बात ये है कि चुनाव आयोग ने महिला के नाम से सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया है। मामला तब सामने आया जब हार चुकी प्रत्याशी ने इसकी शिकायत की। इसके बाद अब डीएम राजेश रौशन ने जांच के आदेश दिए है। टिकौली से जो महिला चुनाव में उतरी थी, उसका नाम मिथिलेश देवी ता, जिसकी मौत बहुत पहले ही हो चुकी हैवो टिकौली के मुखिया की पहली पत्नी थी।
अब मुखिया ने दूसरी शादी की, लेकिन इस बार उन्होने मिथिलेश की जगह अपनी दूसरी पत्नी गुड़िया को चुनाव मैदान में उतारा और वो जीत गई। गुड़िया ने जो सर्टिफिकेट लिया उस पर मिथिलेश का ही नाम था। जांच का आदेश मिलने के बाद से वो फरार है। जांच कर रहे डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने इसकी जानकारी बिहार चुनाव आयोग को दे दी है।
शिकायत में चुनाव हार चुकी मुसरत खातून ने कहा कि सिकंदर मुखिया ने 2007 में ही मिथलेश की जहर देकर हत्या कर दी थी। मिथलेश के शव का सीतामढ़ी के सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम भी हुआ था। आरोप है कि तब उसने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी चेंज करवा दिया था। गुड़िया का नाम टिकौली पंचायत के वोटर लिस्ट में भी नहीं है।