नही देखा होगा ऐसा अनोखा जनाज़ा, जिसे देखने भीड़ उतरी सड़क पर
नही देखा होगा ऐसा अनोखा जनाज़ा, जिसे देखने भीड़ उतरी सड़क पर
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कैथल : आपने हमेशा से सास बहु के बीच खींचातानी के किस्से सुने होंगे लेकिन आज हम आपको जिन बहुओ के बारे में बताने जा रहे है ये वाकई एक मिसाल है. खास बात यह है की ये मामला वहां का है जहां पर महिलाओ को लेकर हमेशा नकारात्मक खबरे सुनने को मिलती है. हरियाणा के कैथल में गुहला चीका में सरबती देवी नाम की वृद्ध महिला की मौत हुई, सबसे पहले उनकी अर्थी को कंधा देने उनकी बहुए आगे आई.

उनकी अंतिम यात्रा शहर में बड़े शान से निकली और समाज के लिए एक मिसाल बन गई. सरबती देवी की अर्थी को न सिर्फ उनकी बहुओं ने बल्कि बारी-बारी से बेटियों और पोतियों ने भी कंधा दिया. सबसे अंत में बेटों और पोतों ने उनकी अर्थी को संभाला.

जाते जाते दे गई रौशनी

सरबती देवी की उम्र 87 साल थीं. वे सिरसा के एक धार्मिक डेरे से जुड़ी हुई थीं. उन्होंने अपनी आंखें दान कर दी थीं. अब उनकी आंखों से कोई जरूरतमंद दुनिया देखेगा. उन्होंने कई साल पहले अपनी आंखों को दान देने का संकल्प किया था. आई बैंक की टीम ने उनकी आंखों को सुरक्षित रख लिया. बता दें कि सरबती देवी जिस डेरे से जुड़ी थीं उसके सामाजिक मुहिम से प्रभावित होकर ही उन्होंने यह इच्छा जाहिर की थी कि मौत के बाद उन्हें बहु-बेटियों के कंधों पर श्मशान भूमि तक ले जाया जाए. इच्छा के मुताबिक जब उनकी अर्थी को लेकर बहुएं शहर में निकलीं तो इसे देखने के लिए सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

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