भारत में डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी को सरकारी से हरी झंडी मिलने का इंतजार अगर आप भी कर रहे थे. तो आपके लिए बड़ी खबर है. देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिलने की उम्मीद अब खत्म ही हो गई है. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 (Banning of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019) के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ड्राफ्ट के अनुसार इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंगी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा. इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने पर 10 साल की जेल होगी. क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 से तमाम क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों को झटरा लगा है जो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काम कर रही हैं. बता दें कि इस बिल को ड्राफ्ट करने वाले पैनल के अध्यक्ष इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्र कर रहे हैं. इस पैनल में सेबी भी शामिल है. पैनल के द्वारा दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी में डीलिंग गैर-जमानती माना जाएगा, हालांकि इस पैनल ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का सुझाव भी दिया है.
एक रिपोर्ट सामने कुछ दिन पहले आई थी जिसमें दावा किया गया था कि फेसबुक खुद की क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा यह भी खबर थी कि व्हाट्सऐप के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी जल्द ही लॉन्च होने वाला है. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे आप देख नहीं सकते. आसान शब्दों में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धांधली को लेकर आप शिकायत नहीं कर सकते, क्योंकि यह किसी देश के कानून के दायरे में नहीं आता. डिजिटल दुनिया में इसका इस्तेमाल किया जाता है.