ढाई वर्ष के बच्चे को कोर्ट में पेश करने के निर्देश
ढाई वर्ष के बच्चे को कोर्ट में पेश करने के निर्देश
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जयपुर : देश में संभवतः यह एक ऐसा पहला मामला होगा जिसमें किसी न्यायालय में महज ढाई वर्ष के बच्चे को पेश किया गया हो और अवकाश के दिनों में जज न्यायपीठ पर आसीन हुए हों। अब तक तो कई मामलों में तारीखें आगे बढ़ा दी जाती हैं मगर इस मामले में अवकाश के दिन कोर्ट खुली और सुनवाई हुई।

दरअसल बच्चे के माता पिता पर आरोप है कि उसके लेक्चरर मां और बिल्डर पिता ने मध्यप्रदेश के खंडवा निवासी रामदयाल उर्फ छोटे सरकार को गोद दे दिया है। मामले में बच्चे के दादा दादी ने आरोप लगाया है कि रामदयाल एक तांत्रिक है और वह बच्चे पर जादू टोना कर सकता है।

इस दौरान वह बच्चे की बलि भी दे सकता है। मामले में बच्चे के दादा ने न्यायालय की शरण ली है और इस बच्चे की कस्टडी मांगी है। उनका कहना है कि यदि इस बच्चे को उसके माता पिता नहीं रख सकते तो उसके दादा दादी को बच्चा सौंप दिया जाना चाहिए।

मगर जब अदालत ने माता पिता से बच्चे को अदालत में पेश करने को कहा तो उन्होंने इसमें असमर्थता जताई जिसके बाद अदालत ने उन्हें शाम 6 बजे तक का समय दिया। इस दौरान भी माता पिता बच्चे को पेश नहीं कर सके। जिसके बाद न्यायालय ने बच्चे के माता पिता को शनिवार तक का समय दिया। माता पिता ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चे को रामदयाल को सोच समझकर गोद दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामदयाल ने उनके बच्चे को पढ़ाने और विदेश भेजने तक का वादा किया था। 

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