कोरोना वायरस पीड़ितों की ऐसे होती है पहचान
कोरोना वायरस पीड़ितों की ऐसे होती है पहचान
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दुनिया के लगभग 193 देश इस वक्त कोरोना वायरस (Coronavirus या Covid-19) की चपेट में हैं। सभी देश मौजूद सुविधा और अपने-अपने तरीके कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। भारत सरकार भी कोरोना को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वहीं देश के 30 राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण में एक डिवाइस काफी मदद कर रही है और वह है थर्मोमीटर गन। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर कोरोना वायरस से पीड़ितों की जांच के लिए थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल हो रहा है। चलिए  जानते हैं क्या है यह गन और कैसे करती है काम।

क्या है थर्मोमीटर गन ?
आपको बता दें थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल आज आपको तमाम दफ्तरों से लेकर एयरपोर्ट तक हो रहा है, लेकिन इसका इस्तेमाल चीन ने सबसे पहले 2000 में किया था। थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल किसी व्यक्ति के शरीर के तापमान को मापने के लिए होता है। वहीं आमतौर पर इसके लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल होता है लेकिन थर्मामीटर सार्वजनिक जगहों के लिए उपयोगी नहीं है। इसलिए सार्वजनिक जगहों और बड़े स्तर पर लोगों के शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल होता है। थर्मोमीटर गन इंफ्रारेड लाइट के जरिए काम करता है और शरीर के तापमान के बारे में बताता है। खास बात यह है कि थर्मोमीटर गन से करीब एक फीट की दूरी से भी किसी के शरीर के तापमान का सटीक पता लगाया जा सकता है। आपकी जानकरी बता दें कि थर्मोमीटर गन कोरोना पीड़ितों की पुष्टि नहीं करता है, बल्कि संभावित मरीजों के बारे में बताता है

कई बार सटीक नहीं होता रिजल्ट
थर्मोमीटर गन के साथ एक समस्या यह है कि कई बार यह उन लोगों को भी बीमार बता देती है जिन्हें बुखार है ही नहीं। इसे एक उदाहरण से समझें तो यदि आप दौड़कर आ रहे हैं या फिर धूप से आ रहे हैं तो जाहिर-सी बात है कि उस वक्त आपके शरीर का तापमान ज्यादा होगा और यदि उसी वक्त थर्मोमीटर गन से आपकी जांच होती है तो यह आपके शरीर का तापमान अधिक ही आएगा। वहीं ऐसे में यह डिवाइस आपको बीमार घोषित कर देगी। 

थर्मोमीटर गन इस्तेमाल करने के लिए ट्रेनिंग है अहम
कोरोना वायरस के फैलने के कारण जगह-जगह पर थर्मोमीटर गन का उपयोग हो रहा है, लेकिन इसके इस्तेमाल के लिए उचित ट्रेनिंग भी जरूरी है। जैसे- शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए लोगों से कितनी दूरी पर थर्मोमीटर गन को रखा जाए। इसके अलावा इसका इस्तेमाल कितनी देर के लिए हो, ताकि बुखार का पता चल सके।

कोरोना वायरस में क्यों हो रहा थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल
असल कोरोना वायरस के पीड़ित को तेज बुखार आता है जो कि कोरोना की सबसे बड़ी पहचान है। वहीं ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों पर थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल उनके शरीर के तापमान को मापने के लिए हो रहा है।अगर  किसी के शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा  है तो संभव है कि वह कोरोना से पीड़ित है। थर्मोमीटर गन का इस्तेमाल करके भीड़ से लोगों को अलग किया जा रहा है और फिर या तो उन्हें सेल्फ आईसोलेशन में रहने को कहा जा रहा है या फिर उनकी टेस्टिंग की जा रही है। कई लोग इसका गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं। इसके साथ ही कई रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि थर्मोमीटर गन जांच से पहले लोग बुखार ठीक करने वाली दवा खा ले रहे हैं। ऐसे में शरीर का तापमान कम हो जा रहा है और थर्मोमीटर गन ऐसे लोगों की पहचान नहीं कर पा रही है। हालांकि बड़े लेवल पर लोगों की जांच करने के लिए थर्मोमीटर गन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

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