देहरादून: राज्य अटल आयुष्मान योजना में पंजीकृत निजी हॉस्पिटल में गोल्डन कार्ड पर निमोनिया, सांस से संबंधित बीमारी के मरीजों का कोरोना टेस्ट कैशलेस किया जाने वाला है। हॉस्पिटल को इस जांच का भुगतान योजना के तहत अलग से किया जाएगा। निजी हॉस्पिटल कोविड जांच कराने का मरीज से कोई फीस नहीं देना होगा।
अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड पर 5 लाख तक कैशलेस उपचार की सुविधा देने के लिए प्रदेश में 175 हॉस्पिटल पंजीकृत है। जिसमे 73 निजी हॉस्पिटल है। सरकारी हॉस्पिटल में कोविड के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों के सैंपल कार्रवाई मुफ्त में की हो रही है। यदि निमोनिया, सांस से संबंधित बीमारी पर कोई गोल्डन धारक निजी को हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है। तो उसका कोरोना टेस्ट के पैसे ले रहे थे। इस पर प्राधिकरण से साफ किया है कि ऐसे मरीजों का कोरोना टेस्ट भी कैशलेस किया जाएगा। चाहे सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आए या नेगेटिव। जांच में यदि मरीज सकारात्मकआता है तो निजी हॉस्पिटल को सरकार की ओर से कोविड के इलाज़ के लिए तय किए गए रेट के आधार पर भुगतान किया जाने वाला है। मरीज की नेगेटिव रिपोर्ट आने पर भी निजी हॉस्पिटल को आयुष्मान योजना की दरों के आधार पर भुगतान होगा।
जंहा इस बात का पता चला है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया है कि गोल्डन कार्ड पर पंजीकृत निजी हॉस्पिटल में मरीजों की कैशलेस कोविड का टेस्ट किया जाएगा। निजी हॉस्पिटल्स का कोविड टेस्ट का अलग से भुगतान होगा। हॉस्पिटल निमोनिया, सांस से संबंधी या अन्य बीमारी के मरीज से टेस्ट कराने का शुल्क नहीं ले पाएंगे।
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