लंदन: दुनिया भर में इन दिनों कोरोना वैक्सीन को लेकर रिसर्च चरम पर है, भारत भी इस दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत में दो वैक्सीन पर ट्रायल जारी है। ये ट्रायल बंदर और खरगोशों पर सफल रहा है और अब इसका ट्रायल मनुष्यों पर भी आरंभ हो चुका है। यदि सब कुछ सही रहा तो इस वर्ष के आखिर तक या फिर 2021 के शुरूआत में ही कोरोना वैक्सीन बाजार में आ सकती है। किन्तु उससे भी पहले दुनिया की दो अग्रिणी कंपनियां बिल्कुल अंतिम चरण में कदम रख चुकी हैं।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर पहला ट्रायल सफल हो गया है। ब्राजील में किए गए ह्यूमन ट्रायल के शानदार परिणाम सामने आए हैं। ट्रायल में शामिल किए गए वॉलंटियर्स में वैक्सीन से वायरस के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता डेवलप हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 (AZD1222) के पूर्णतः सफल होने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। साथ ही उन्हें विश्वास है कि सितंबर 2020 तक ये वैक्सीन लोगों को मुहैया करा दी जाएगी। इस वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी। वहीं, भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भी इस प्रोजेक्ट में सहयोगी के रूप में है।
महामारी को रोकने के लिए पूरे विश्व में 100 से ज्यादा संभावित टीकों का विकास और परीक्षण किया जा रहा है। मानव परीक्षणों में 19 में से, सिर्फ दो आखिरी चरण III में हैं। इनमें से एक चीन के सिनोफार्मा और दूसरी एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा मिलकर तैयार की जा रही वैक्सीन शामिल है। उधर, कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों के लिए भारत बायोटेक कंपनी नाक के माध्यम से ली जाने वाली एक खास वैक्सीन विकसित कर रही है। कोरोफ्लू (CoroFlu) नामक इस वैक्सीन के परीक्षण भी शुरू हो चुके हैं।
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