लखनऊ: शनिवार को चुनाव आयोग ने देश के सबसे बड़े राज्य यूपी एवं पंजाब सहित देश के पांच प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनावों की दिनांकों का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा ने सियासी दलों को सुझाव देते हुए कहा कि वह अपना कैंपेन डिजिटल तरीके से करें। उन्होंने कहा कि इसके पश्चात् हालात की समीक्षा की जाएगी तथा नए निर्देश जारी किए जाएंगे। तब तक कोई पद यात्रा, साईकिल यात्रा या रोड शो नहीं होगा। इन गाइडलाइन के पश्चात् अफसरों एवं पार्टियों के लिए आगे का मार्ग सरल नहीं होगा।
वही चुनाव आयोग के एक प्रमुख अफसर ने कहा कि चुनाव लड़ने जा रहे प्रत्याशी का एक अकाउंट खुलता है, जिसमें उसके सभी खर्चों का ब्यौरा होता है। प्रत्याशी को ऐसा अब वर्चुअल रैली तथा इवेंट के लिए भी करना होगा। इसके अतिरिक्त इस बार भी पहले की भांति प्रत्याशियों पर चुनाव की आचार संहिता लागू होगी, जिसमें सियासी पार्टियों तथा उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए तय किए गए कुछ नियम होते हैं।
अफसर ने कहा कि प्रत्याशियों को ‘मीडिया सर्टिफिकेशन तथा मोनिटरिंग कमेटी’ से अनुमति के लिए अप्लाई करना होगा, जो सामान्य रूप से विज्ञापनों के लिए प्रमाण पत्र देती है। इस हफ्ते के आरम्भ में चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा ₹28 लाख से बढ़ाकर ₹40 लाख कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इसकी एक वजह महामारी के चलते डिजिटल प्रचार पर बढ़ा हुआ खर्च है। बता दें कि बीजेपी ने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले डिजिटल रैलियां आरम्भ की थीं। इस वर्ष संक्रमण के चलते होने वाले पहले चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक दल नए नियमों के तहत कैसे आगे बढ़ते हैं।
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