नई दिल्ली: भारत सहित विश्वभर में कोरोना संक्रमण संकट अभी समाप्त भी नहीं हुआ है तथा इस बीच बुखार से संबंधित एक नई बीमारी सामने आई है. कोरोना के कम होते संक्रमण के पश्चात् आहिस्ता-आहिस्ता जिंदगी पटरी पर लौट रही है, मगर इस बीच एक जानलेवा बीमारी सामने आई है, जिसे लासा बुखार के नाम से जाना जाता है. इस रोग के सामने आने के पश्चात् हंगामा मच गया है, क्योंकि ब्रिटेन में एक मरीज की जान जा चुकी है. वही तीन पॉजिटिव मरीजों में से एक मरीज की जान जा चुकी है, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि लासा बुखार की मृत्यु दर अभी 1 प्रतिशत है, मगर कोरोना वायरस के बीच यह चिंता का कारण इसलिए बना है, क्योंकि कुछ पॉजिटिव मरीजों में मृत्यु दर बहुत ही अधिक है. कुछ लोगों और गर्भवती महिलाओं को उनकी तीसरी तिमाही में इसका जोखिम ज्यादा होता है.
कैसे फैलता है लासा बुखार
विशेषज्ञों के मुताबिक, लासा बुखार संक्रमित चूहे के मल-मूत्र के माध्यम से फैलता है तथा यदि कोई शख्स चूहे के मल-मूत्र के कांटेक्ट में आता है तो वह लासा बुखार से संक्रमित हो सकता है. तत्पश्चात, संक्रमित शख्स अन्य व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है. कुछ मामलों में पॉजिटिव शख्स के शारीरिक तरल पदार्थ या श्लेष्मा झिल्ली जैसे आंख, मुंह, नाक के कांटेक्ट में आने से भी संक्रमण फैल सकता है.
क्या हैं लासा बुखार के लक्षण?
विशेषज्ञों के अनुसार, लक्षणों के गंभीर होने तक लासा बुखार एक शख्स से दूसरे शख्स में नहीं फैलता है तथा इसके लक्षण 1 से 3 हफ्ते पश्चात् विकसित होते हैं. लासा बुखार के लक्षणों में थकान, सिरदर्द, कमजोरी, बुखार आदि सम्मिलित हैं. इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में सांस लेने में मुश्किल, चेहरे का फूलना, रक्तस्राव, सीने में दर्द, पेट में झटका या उल्टी आदि महसूस हो सकते हैं.
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