नई दिल्ली: दिल्ली में बीते बुधवार यानी 25 दिसंबर 2019 को कांग्रेस के मुफ्त बिजली की घोषणा पर सियासी घमासान हो चुका है. जंहा कांग्रेस के 600 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा करते ही आम आदमी पार्टी व भाजपा हमलावर हो गई है. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को चुनौती दे डाली कि दिल्ली में लागू करने से पहले इसे कांग्रेस शासित राज्यों में लागू करे. वहीं भाजपा ने इस घोषणा को हास्यास्पद बताते हुए तंज कसा कि न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी.
हम बता दें कि इससे पहले बीते बुधवार को वजीरपुर इलाके में हल्ला बोल अभियान के तहत आयोजित जनसभा में सुभाष चोपड़ा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ 200 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है. अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो 600 यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाएंगी. वहीं औद्योगिक इकाईयों के लिए 200 यूनिट तक की बिजली मुफ्त होगी. सुभाष चोपड़ा ने दावा किया कि इसका जिक्र दिल्ली चुनाव में पार्टी के घोषणा पत्र में भी होगा.कांग्रेस की तरफ से यह बयान आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है दूसरी पार्टियों को भी आम आदमी पार्टी के अच्छे कामों को अपनाना पड़ रहा है. यह अच्छी बात है, लेकिन कांग्रेस को इस योजना को पहले ऐसे राज्यों में लागू करनी चाहिए, जहां उनकी सरकार है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश सरीखे राज्यों में योजना लागू न होने पर लोग समझ जाएंगे कि यह कांग्रेस का चुनावी जुमला है. मुख्यमंत्री का बयान आने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने चुनौती देते हुए कहा कि वह जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. अरविंद केजरीवाल यह भूल रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में बिजली पर सब्सिडी देने पर काम शुरू हुआ था, केजरीवाल ने इसका केवल विस्तार किया है. चोपड़ा ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस 600 यूनिट तक लोगों को राहत देगी.
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