नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच हुई वार्ता को लेकर कांग्रेस ने सवाल किया है। इस मामले में कांग्रेस द्वारा संसद में प्रश्न किया गया है कि आखिर वह कौन सा कारण है जिसके चलते सरकार को पाकिस्तान के साथ बातचित करने के पहले संसद को विश्वास में लेना उचित नहीं समझा गया। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा द्वारा राज्यसभा में यह बात कही गई कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के मध्य वार्ता की समझदारी विकसित नहीं हुई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संसद में शून्यकाल में सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार द्वारा उन कारणों को लेकर जवाब देने चाहिए। जिनके चलते भारत-पाकिस्तान की वार्ता पहले तो विफल हो गई और फिर उन्हीं मसलों को अधूरा छोड़कर फिर से भारत और पाकिस्तान के एनएसए चर्चा करने लगे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने अपनी बात में प्रस्थान शब्द का उपयोग इसलिए किया क्योंकि एनएसए स्तर की वार्ता में पहले आतंकवाद की रोकथाम हुए बिना वार्ता न करने की बात कही गई थी
मगर फिर से पाकिस्तान और भारत के बीच वार्ता हुई। जबकि आतंकवादी गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा कर संसद का अपमान किया है। संसद को विश्वास में न लेते हुए इस तरह का दौरा किया गया है। दूसरी ओर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि विदेश मंत्री इस तरह के मामलों में 10 दिसंबर को सदन में बयान देंगी। उनका कहना था कि राष्ट्रहित को लेकर उनकी प्रतिबद्धता मजबूत है।