भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पार्टी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष तथा अपने मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा का इस्तीफा स्वीकृत कर लिया है। जब से पीसीसी के मीडिया विभाग में परिवर्तन हुआ है तब से ही सलूजा दुखी थे तथा उन्होंने तलख भाषा में अपने नेता को इस्तीफा भेज दिया था। तब से वे PCC मुख्यालय में भी दिखाई नहीं दे रहे थे। कांग्रेस भले ही सत्ता में नहीं है किन्तु उसके संगठन में पद को लेकर मारामारी मची है।
PCC अध्यक्ष कमलनाथ ने बीते कुछ दिनों में बहुत परिवर्तन किए हैं जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विभागों से लेकर मीडिया विभाग में आमूलचूल बदलाव किए हैं। मीडिया विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले PCC के कार्यकारी अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री MLA जीतू पटवारी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया तथा चंद घंटे में ही कमलनाथ ने उसे स्वीकृत कर लिया गया। यही नहीं इस विभाग में तेजी के साथ परिवर्तन किए गए। अध्यक्ष के किरदार में इंदौर के ही केके मिश्रा की नियुक्ति की गई तथा उपाध्यक्ष व 32 प्रवक्ता बना दिए गए।
कहा जा रहा है कि नरेंद्र सलूजा कमलनाथ के पीसीसी अध्यक्ष बनने के पश्चात् से ही उनके मीडिया समन्वयक के तौर पर कार्य कर रहे थे। इसके पहले भी वे कमलनाथ के मध्य प्रदेश की मीडिया सक्रियता को लेकर सक्रिय रहते थे। PCC अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ ने जब मीडिया विभाग में परिवर्तन किए तो शोभा ओझा को मानक अग्रवाल की जगह लाया गया तथा सलूजा को PCC अध्यक्ष का मीडिया समन्वयक बनाया गया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी सलूजा कमलनाथ के मीडिया समन्वयक बने रहे। लेकिन हाल में मीडिया विभाग के परिवर्तन को लेकर सलूजा अपने पद को यथावत रखे जाने से नाखुश दिखाई दिए तथा उन्होंने कमलनाथ को सीधे चिट्ठी लिखकर इस्तीफा भेज दिया। साथ ही पीसीसी मुख्यालय आना बंद कर दिया। अब कमलनाथ ने सलूजा के इस्तीफे को कबूल कर सभी अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया है। हालांकि कांग्रेस के मीडिया विभाग में मची उठापटक को लेकर बीजेपी चुटकी लेने में पीछे नहीं हटी। राज्य बीजेपी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर से लेकर प्रवक्ता डॉ. हितेष बाजपेयी ने इस के चलते सोशल मीडिया तथा अन्य प्लेटफार्म पर कांग्रेस पर हमला बोले। अब लोकेंद्र पाराशर सलूजा के इस्तीफे को सिख समाज से शत्रुता का सबूत बता रहे हैं।
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