आदिवासी महिला प्रत्याशी के साथ कलेक्टर ने की मार-पीट, जानिए पूरा मामला
आदिवासी महिला प्रत्याशी के साथ कलेक्टर ने की मार-पीट, जानिए पूरा मामला
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उमरिया: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और आदिवासी महिला प्रत्याशी सावित्री सिंह के बीच जो विवाद हुआ था वह अब थाने पहुंच गया है। आदिवासी नेत्री ने कलेक्टर पर संगीन आरोप लगाए हैं। सावित्री सिंह ने पुलिस में लिखित शिकायत प्रस्तुत की है साथ ही मीडिया के सामने चोट के निशान और अपनी मेडिकल रिपोर्ट दिखाए हैं । उमरिया कलेक्टर ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष उम्मीदवार सावित्री सिंह के खिलाफ कोतवाली थाने में शिकायत कराई है। 29 जुलाई को उमरिया में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को बराबर वोट मिले थे। परिणाम के लिए लाटरी निकली गयी थी जिसमे भाजपा प्रत्यासी को विजयी घोषित किया गया था। 

क्या है मामला: 

सावित्री सिंह की लिखित शिकायत के मुताबिक 29 जुलाई 2022 को जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ था। जिसमे भाजपा और कांग्रेस को 5-5  वोट मिले थे। इसलिए लॉटरी प्रक्रिया अपनायी गई, जिसमे सावित्री सिंह के नाम की पर्ची कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने पर्ची को अपने दोनों पैरों के घुटनों के बीच में छिपा लिया। सावित्री सिंह ने उनसे प्रार्थना की और निष्पक्ष चुनाव की विनती की, जिस पर वह नाराज़ हो गए। सभी सदस्यों ने कलेक्टर के इस कृत्या की कड़ी निंदा करते हुए विरोध किया, किन्तु उन्होंने टेबल के निचे से भाजपा प्रतिद्वंद्वी अनुजा पटेल की पर्ची निकाल उन्हें विजयी घोषित कर दिया। इस पर सावित्री सिंह ने जब विरोध प्रदर्शन किया तब कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने उनका हाँथ पकड़ा और उनके साथ मार पीट करने लगे। कलेक्टर ने उन पर कई अश्लील और जातिगत टिप्पणियां भी की। 

कलेक्टर ने क्या कहा: 

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का इस मामले में यह कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जब बराबरी पर आ कर रुक गया तब लाटरी प्रक्रिया अपनायी गयी। इसी बीच अध्यक्ष पद कि प्रत्याशी सावित्री सिंह ने पर्ची छीनने कि कोशिश की जिस दौरान उनके बीच हुई छीना-झपटी में सावित्री सिंह को चोट आयी। इस वारदात की प्रथम सुचना भी कोतवाली थाने भी उन्होंने दर्ज कराई है। उन्होंने ये भी बताया कि जो पर्ची आयी थी और जो नहीं आयी थी वो दोनों सावित्री सिंह को दिखाई गई, किन्तु वो संतुष्ट नहीं हुई। उनका कहना था कि फिर से लौटरी निकली जाए, जो मांग उन्होंने नमंज़ूर कर दी।

सावित्री सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने ने न्याय कि गुहार लगते हुए यह भी कहा है कि भाजपा के लोग आदिवासियों के उन्नति और सम्मान की बातें करते हैं, परंतु उनके अधिकारी का बर्ताव बिलकुल विपरीत है और सबके सामने भी है। सावित्री सिंह ने सीएम शिवराज सिंह को सम्बोधित करते हुए पूछा कि क्या उनकी नीतियां और वादे सिर्फ भाषणों तक ही सिमित है। और अगर ऐसा नहीं है तो कलेक्टर के एक महिला के साथ इस निम्न स्त्रिया कार्य को तत्काल दण्डित करें, नहीं तो आदिवासी समाज उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।

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