लॉकडाउन में वायरस से लोगों की जान बचाने के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भविष्य की भी चिंता में लगे हैं. टीम-11 के साथ लगातार अपने सरकारी आवास व कार्यालय में बैठक के दौरान समीक्षा में उनका फोकस चिकित्सा सुविधा के साथ लोगों के भोजन की उपलब्धता पर रहता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रदेश में कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सैंपल चेकिंग के लिए प्राइवेट लैब को भी सरकार के साथ शामिल करने के बाद अब उनकी सबसे बड़े चिंता प्रवासी कामगार/श्रमिकों की है. वह इनको बड़ी संख्या में रोजगार देने का वादा कर चुके हैं. इसी क्रम में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को छोटे तथा मझोले उद्योगों का हब बनाने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज की अपनी समीक्षा बैठक में इसी पर जोरदार चर्चा के साथ योजना के क्रियान्वयन पर तेजी लाने का निर्देश दिया.
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इस परिस्थिति में सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से औद्योगिक घरानों को बड़ा ऑफर है. उनका ऑफर है कि आइए उत्तर प्रदेश में तीन वर्ष में उद्योग लगाइए और काम के अंतिम सौ दिन में सभी विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कीजिए. सीएम योगी आदित्यनाथ की एमएसएमई और ओडीओपी सेक्टर की 90 लाख छोटी बड़ी यूनिटों पर भी नजर है. उनका लक्ष्य हर यूनिट में नए रोजगार सृजित कर 90 लाख नए रोजगार पैदा करने का है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्यावरण नियमों को छोड़ बाकी नियमों का सरलीकरण किया गया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर आवेदन करने वालों का सब कुछ सही है तो तय सीमा के भीतर पर्यावरण समेत सभी एनओसी देनी ही होगी.
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