मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया तिरंगे का अपमान! वरिष्ठ वकील ने लगाया आरोप
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया तिरंगे का अपमान! वरिष्ठ वकील ने लगाया आरोप
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मुंबई: कोरोना संक्रमण का कहर अब भी जारी है। कई राज्यों में तो संक्रमण अब भी तेजी से फ़ैल रहा है लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जो इससे उबर चुके हैं। जी हाँ, कई राज्यों में संक्रमण कम होने की वजह से लॉकडाउन से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। इन्ही में शामिल है महाराष्ट्र। यहाँ भी प्रतिबंधों को हटाने के लिए जनता और विपक्ष का दबाव बढ़ रहा था। जी दरसल बीते दिनों ही हाई कोर्ट ने भी महाराष्ट्र सरकार को वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए मुंबई लोकल शुरू करने का निर्देश दिया था। बीते रविवार को इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव आकर जनता को संबोधित किया।

इस संबोधन में उन्होंने एक बड़ा फैसला किया। जी दरअसल उन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए 15 अगस्त से मुंबई लोकल में यात्रा की अनुमति दे दी। जिस दौरान मुख्यमंत्री फेसबुक लाइव कर रहे थे उस दौरान उनके पीछे रखे झंडों की वजह से अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। जी दरअसल हाल ही में पुणे के एक वरिष्ठ वकील असीम सरोदे ने इस बारे में एक पोस्ट किया है, जो चर्चा में है। आप देख सकते हैं वरिष्ठ वकील असीम सरोदे ने मुख्यमंत्री के कल के लाइव भाषण का स्क्रीन शॉट शेयर किया है और यह दावा किया है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रध्वज के संदर्भ में नियमों का उल्लंघन किया है।

आप देख सकते हैं अपने पोस्ट में उन्होंने कैप्शन में लिखा है, “भारत के तिरंगा से ऊपर या बराबरी में कोई और झंडा ना हो, इस सरल नियम का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पालन करें, यह उनसे विनती है।” इसी के साथ आगे इस पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर बैठने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी और झंडा के साथ ना बैठने की भी हिदायत दी है। आप देख सकते हैं पोस्ट में आगे लिखा गया है, ''भारतीय लोकतंत्र का यह दुर्भाग्य है कि आज अपने देश में राष्ट्रध्वज सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को उत्सव के रूप में उपलब्ध होने तक ही सीमित रह गया है। कई लोगों के लिए उनकी राजनीतिक पार्टियों के झंडे और मजहब से जुड़े झंडे अहम हो गए हैं। इस देश को अखंड वही भारतीय रख सकते हैं जिनके लिए तिरंगा से महत्वपूर्ण कोई और झंडा नहीं है। भारत का लोकतंत्र आज ऐसे ही नागरिकों और नेताओं की खोज में है। सरोदे ने अपील की है कि भारतीय ध्वज संहिता सबको पढ़ना चाहिए और इससे जुड़े नियमों की जानकारी हासिल करनी चाहिए।'' अब इस पोस्ट को देखकर कई लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

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