एक कपड़े की दुकान से खरीदारी करने पर महाराष्ट्र के ठाणे में एक किलो प्याज फ्री दी जा रही है.दुकान मालिक का कहना है कि उनकी कपड़े की दुकान पर 1,000 रुपये की वस्तुओं की खरीद पर ग्राहकों को एक किलो प्याज प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा, योजना की शुरुआत के बाद से ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई है.पिछले कई हफ्तों से देश के लगभग सभी बाजारों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई हैं. कर्मचारियों में से एक ने कहा कि उल्हासनगर की शीतल हैंडलूम पर शनिवार को काम में तेजी देखी गई, जब मालिक ने साड़ी के साथ प्याज मुफ्त की घोषणा की.
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अपने बयान में उन्होंने कहा, यहां प्याज 130 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है. इसलिए 1,000 रुपये का कपड़ा खरीदने पर हम एक किलोग्राम प्याज मुफ्त में दे रहे हैं. ग्राहकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है.बता दें कि एक साल में देश के बड़े शहरों में प्याज की कीमतें पांच गुना बढ़कर औसतन 101.35 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई हैं. इसकी वजह खरीफ और लेट-खरीफ सत्र (गर्मी में होने वाली बुआई) में प्याज के घरेलू उत्पादन में 22 फीसदी कमी आने का अनुमान है. सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी है. पिछले एक महीने में ही कीमतों में 81 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राज्यसभा में दिए लिखित जवाब में खाद्य और उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने बताया कि मंगलवार (10 दिसंबर) को प्याज का दैनिक औसत मूल्य 101.35 रुपये प्रति किलो रहा, जबकि एक महीने पहले 55.95 रुपये और एक साल पहले 19.69 रुपये प्रति किलो रहा था.उन्होंने कहा, ‘2019-20 के लिए कुल खरीफ और लेट खरीफ उत्पादन 54.73 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 2018-19 में यह 69.91 लाख टन रहा था.’ प्याज एक मौसमी फसल है और इसकी खेती रबी (मार्च से जून), खरीफ (अक्तूबर से दिसंबर) और लेट खरीफ (जनवरी से मार्च) के दौरान होती है. इस बीच रबी सत्र में पैदा होने वाली प्याज बाजार में आती है.
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