कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई शुरू, हिन्दू पक्ष ने की थी 'शिवलिंग' वाले स्थान को साफ़ करने की मांग
कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी के वजूखाने की सफाई शुरू, हिन्दू पक्ष ने की थी 'शिवलिंग' वाले स्थान को साफ़ करने की मांग
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वाराणसी: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज शनिवार (20 जनवरी) को ज्ञानवापी परिसर के वजुखाना क्षेत्र की सफाई शुरू की गई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं के एक आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के 'वजुखाना' के पूरे क्षेत्र को साफ करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी, जहां 'शिवलिंग' नुमा आकृति पाई गई थी। हालाँकि, मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बता रहा था, लेकिन वो न तो फव्वारा चालु करके दिखाने को राज़ी था और न ही उस आकृति की कार्बन डेटिंग करवाने के लिए तैयार था, जिससे उसकी वास्तविक उम्र पता चलती और ये खुलासा होता कि वो शिवलिंग है या फव्वारा। 

 

विवाद बढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दे दिया था, जिसके बाद वहां पानी में गंदगी फैलने लगी और हिन्दू पक्ष ने सफाई की मांग उठाई थी। इलाके में भारी पुलिस तैनाती देखी गई. मस्जिद में प्रवेश करने से पहले सफाई कर्मचारियों की पहचान की जांच की गई। हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि, "हमने सुप्रीम कोर्ट में मांग की थी कि वजूखाना जो काफी गंदा हो चुका है, उसे साफ कराया जाए। आदेश 16 जनवरी को आया था, इसलिए आज इसे साफ किया जा रहा है. दोनों पक्षों के लोग होंगे। पूरा काम जिलाधिकारी की निगरानी में होगा।''

इससे पहले सफाई को लेकर गुरुवार को वाराणसी में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ जिलाधिकारी के नेतृत्व में बैठक हुई थी। डीएम ने कहा कि, "वजूखाना की सफाई का आदेश कोर्ट ने दिया था। इस संबंध में दोनों पक्षों से बातचीत हो चुकी है। इसकी सफाई 20 जनवरी से शुरू होगी।" ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने एएनआई को बताया कि बैठक में दोनों पक्षों ने शांतिपूर्वक बात की है। उन्होंने कहा, "बैठक वजुखाना की सफाई को लेकर हुई थी। दोनों पक्षों ने शांति से बात की है। कोर्ट ने डीएम को सफाई कराने का आदेश दिया है। बैठक में मुस्लिम पक्ष और जिले के अधिकारियों के साथ हम भी मौजूद थे।"

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए, 'वज़ुखाना' क्षेत्र को जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में साफ किया जाएगा। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा कि वह पानी की टंकी की सफाई का समर्थन करती है, जो शीर्ष अदालत के आदेश पर लगभग दो वर्षों से सील है। 'वज़ुखाना' वह जलाशय है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने से पहले हाथ पैर धोते हैं और कुल्ला करते हैं, इसी जगह पर शिवलिंग होने का दावा किया गया है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि, मुस्लिम समुदाय के लोग दशकों से उनके आराध्य पर हाथ पैर धो रहे हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाना सील कर दिया था, मगर वहां कुछ मछलियां थीं। 

आवेदन में कहा गया है कि पानी की टंकी में मछलियाँ 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गईं और उसी के कारण टैंक से दुर्गंध आ रही है। आवेदन में आगे कहा गया है कि, "चूंकि वहां मौजूद शिवलिंग हिंदुओं के लिए पवित्र है और उसे सभी गंदगी, मृत जानवरों आदि से दूर रखा जाना चाहिए और वो साफ स्थिति में होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में वह मरी हुई मछलियों के बीच में है जो भक्तों की भावनाओं को आहत करने वाला है।'

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