दक्षिणी चीन सागर में तीसरा विमानवाहक पोत बना सकता है चीन
दक्षिणी चीन सागर में तीसरा विमानवाहक पोत बना सकता है चीन
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बीजिंग : चीन हमेशा से विवादों को हवा देता रहा है। अब विवादित चीन सागर में अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने कहा है कि वो दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है। साथ ही चीन ने अपने समुद्री सैन्य क्षमताओं में इजाफे के मकसद से तीसरा विमानवाहक पोत बनाने के भी संकेत दिए है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल यांग युजून ने कहा कि चीन पूर्वोत्तर लियाओनिंग प्रांत के डेलियन में पूरी तरह अपने दम पर दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कर रहा है।

युजून ने बताया कि इस पोत की भार वहन क्षमता 50 हजार टन है। साथ ही यह पोत जे-15 लड़ाकू विमान और अन्य विमानों से भी लैस है। पोत पर तैनात विमान उड़ान भरने के लिए एक स्की जंप का सहारा लेंगे। इतना ही नही पोत में एक परंपरागत ऊर्जा संयंत्र भी होगा।

हांलाकि दूसरा विमानवाहक पोत कब बनकर तैयार होगा, इसकी कोई समय सीमा नही बताई गई। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब चीन का दक्षिणी चीन सागर को लेकर अमेरिका के साथ विवाद चल रहा है। अमेरिका व उसके सहयोगी देशों ने चीन द्वारा सैन्.प्रतिष्ठानों के जरिए बनाई जा रही कृत्रिम द्वीप समूहों को मान्यता देने से इंकार कर दिया है।

बता दें कि चीन पूरे दक्षिणी चीन सागर पर अपना अधिकार जमाता है। वह दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसैनिक पोतों के परिचालन और उसके ऊपर के आसमान में अमेरिकी बी-52 बमवषर्कों की आवाजाही का कड़ा विरोध करता रहा है। वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी दक्षिणी चीन सागर पर अपना अधिकार जताते रहते है। युजून ने तीसरे विमानवाहक पोत बनाए जाने के भी संकेत दिए।

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