हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है यहाँ 2 महीने की बच्ची बैग में बंद करके डस्टबिन में फेंक दी गई। कुछ विद्यार्थियों ने रोने की आवाज सुनकर पुलिस को खबर कर दी। पुलिसकर्मियों ने बच्ची को रेस्क्यू कर चिकित्सालय पहुंचाया जहां उसका उपचार चल रहा है। इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना ने सनसनी फैला दी है। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्ची के माता-पिता कौन हैं तथा किसने उसे ऐसे डस्टबिन में मरने के लिए फेंक दिया।
पुलिस ने छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज को गंभीरता से लेकर पुलिस को खबर नहीं की होती तो मासूम की जान चली जाती। बाल कल्याण समिति की निगरानी में बच्ची का उपचार चल रहा है। घटना के सिलसिले में प्राप्त हुई खबर के अनुसार, बृहस्पतिवार देर रात लॉज में रहने वाले कुछ छात्र टहल रहे थे। जब वो बड़ी डस्टबिन के पास से गुजरे तो बच्चे के रोने की आवाज सुनी।
उन्होंने लगा कि डस्टबिन के पास से ही रोने की आवाज आ रही है। उन्होंने तत्काल स्थानीय पुलिस थाने में खबर दी। पुलिस ने आकर डस्टबिन से बैग उठाया तथा जब उसे खोला तो दंग रह गई। उसमें प्लास्टिक में बंधी एक बच्ची रखी हुई थी। पुलिस ने बच्ची को निकाला तो वह पसीने से नहा गई थी। गनीमत थी कि कोई अनहोनी होने से पहले ही छात्रों ने उसे रोते हुए सुन लिया। पुलिस ने तत्काल बच्ची को सदर चिकित्सालय पहुंचाया जहां चिकित्सकों की एक टीम उसके उपचार में लग गई। बच्ची का उपचार कर रहे चिकित्सक ने बताया कि उसकी आयु लगभग 2 महीने है। वही अब पुलिस द्वारा मामले की जाँच की जा रही है।
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