छठ महापर्व: दूसरे दिन सरोवर किनारे लगेगा मेला
छठ महापर्व: दूसरे दिन सरोवर किनारे लगेगा मेला
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नईदिल्ली। मूलरूप से उत्तरभारतीयों द्वारा मनाया जाने वाला और, उत्तरभारत से निकलकर देशभर में फैल चुका सूर्योपासना उत्सव छठ महापर्व आज से मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर देशभर में बसे श्रद्धालुओं व उत्तरभारतीयों में उत्साह का वातावरण है। इस पर्व को तीर्थों के किनारे पर मनाया जाता है। ऐसे में विभिन्न नदियों के घाट, सरोवर, जलस्त्रोत आदि के आसपास श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। आज पर्व की शुरूआत नहाय - खाय से होगी।

आज महिलाऐं स्नान, करने के बाद भोजन बनाऐंगी और इसे घर के सभी सदस्य ग्रहण करेंगे। इसके बाद महिलाऐं इस भोजन को ग्रहण करती हैं। इस भोजन में कद्दू, दाल और अरवा चांवल बनाया जाता है। इसके बाद छठ का व्रत प्रारंभ होता है। व्रतधारी महिलाऐं प्रसादी ग्रहण करने के बाद भोजन आदि नहीं करती हैं। भोजन में गुड़ की खीर जरूर बनाई जाती है। इसके अलगे दिन अर्थात् 25 अक्टूबर को खरना का पर्व मनाया जाएगा। व्रत करने वाली महिलाऐं खरना करेंगी।

यह व्रत बेहद कठिन होता है। व्रती कान तक किसी भी तरह का शोर न सुन सके ऐसा प्रयास किया जाता है। खरना में गुड़ की खीर बनाई जाती है, यही नहीं मूली, केला और पंचरंग आदि के पकवान तैयार किए जाते हैं। महिलाऐं दिन में पूजन अर्चन करने के बद शाम के समय अस्ताचल अर्थात् अस्त होते सूर्य को अध्र्य प्रदान करती हैं। इस मौके पर सरोवरों, नदी के घाटों पर मेले जैसा माहौल होता है। पूजन में गन्ने का उपयोग किया जाता है। यह पर्व ऐसा होता है जिसमें महिलाऐं अपनी हाईट के अनुसार पानी में लगभग आधे खड़े होकर सूर्य देव को अध्र्य देती हैं।

महिलाऐं पूजन के लिए सरोवर के किनारे एकत्रित होती हैं। इस दौरान सूप रखा जाता है। सूप में कई तरह के फल होते हैं और वह भोजन होता है जिसे महिलाऐं अपने हाथों से तैयार करती हैं। इसके बाद यह पूजन समाप्त होता है। छठ पूजन को मन्नतों का पर्व कहा जाता है।

महिलाऐं लगभग 36 घंटों तक निर्जल और निराहार व्रत रखती हैं। दूसरे दिन व्रत करने के बाद अगले दिन सुबह महिलाऐं सूर्य देव को अध्र्य देने और सूर्य का पूजन करने के बाद व्रत पूर्ण करती हैं। तीसरे दिन शाम के समय जो अध्र्य दिया जाता है उसके लिए तैयार किए जाने वाले प्रसाद में ठेकुआ, चांवल के लड्डू आदि तैयार किए जाते हैं। छठ पर्व में मालपुए, चांवल क खीर, बालूशाही, खजूर, सूजी का हलवा आदि तैयार किया जाता है।

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