नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार से शुरु होने वाली दो दिवसीय ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के लिए उसके साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया जाएगा। अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान को छोड़कर एक नया मार्ग खोलने के प्रयासों के तहत यह किया जाएगा।
शिया बहुल देश में मोदी की यह पहली यात्रा है। इस यात्रा के दौरान मोदी वहां के शीर्ष नेताओं से बढ़ते चरमपंथ व आतंकवाद जैसे मुद्दो व भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए वहां तेल और गैस की परियोजनाएं हासिल करने जैसे मसलों पर बाच करेंगे। इसके अलावा ईरान की बकाया राशि के भुगतान के तरीकों पर भी बातचीत की जाएगी।
बता दें कि एस्सार ऑयल और एमआरपीएल जैसी भारतीय रिफाइनरीकंपनियों पर ईरान का 6.4 अरब डॉलर बकाया है। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोपाल बागले ने बताया कि दो दिन की इस यात्रा में मोदी ईरान के सर्वोच्च नेता अली खमेनेई से मुलाकात करेंगे तथा राष्ट्रपति हसन रहानी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
इस दौरान दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने हैं। प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा मुख्य रूप से कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचे, ईरान के साथ उर्जा भागीदारी, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने, हमारे क्षेत्र की शांति व स्थिरता पर नियमित संवाद को बढावा देने पर केंद्रित होगी।
इस बंदरगाह के पहले चरण में दो टर्मिनल व पांच मल्टीकार्गो बर्थ के विकास के लिए आर्या बंदर कंपनी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगी। इंडियन पोर्ट्स जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट व कांडला पोर्ट ट्रस्ट का संयुक्त उद्यम है।