लोकसभा में पारित हुआ केंद्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी विधेयक 2019
लोकसभा में पारित हुआ केंद्रीय संस्कृत यूनिवर्सिटी विधेयक 2019
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नई दिल्ली: संसद के निचले सदन ने गुरुवार को देश में तीन मानद संस्कृत विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने वाले केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बिल 2019 को स्वीकृति दे दी है. इस बिल के तहत नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान और श्री लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ के साथ ही तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बिल 2019 पर चर्चा में जवाब देते हुए कहा कि इन विश्वविद्यालयों का उद्देश्य विद्यार्थियों को संस्कृत की शिक्षा देना है, ताकि उनको संस्कृत भाषा-साहित्य में समाहित ज्ञान प्राप्त हो और वे देश के विकास में सहयोग दे सकें. संस्कृत को देश की आत्मा बताते हुए रमेश पोखरियाल ने कहा है कि अतीत में भारत को विश्वगुरु बनाने में इस भाषा का अहम योगदान रहा है.

चर्चा को शुरुआत में उन्होंने कहा कि जर्मनी के 14 विश्वविद्यालयों सहित 100 देशों के 250 विश्वविद्यालयों में संस्कृत भाषा की शिक्षा दी जाती है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संस्कृत के साथ ही तमिल, तेलुगू, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, कन्नड़ आदि सभी भारतीय भाषाओं को मजबूत करने की पक्षधर है और सभी को सशक्त बनाना चाहती है. 

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