नई दिल्ली : पहले ही 400 प्रतिशत सैलरी बढ़ाकर आम आदमी खास बन गए थे और अब केंद्र ने भी सरकारी खर्चे पर बर्फ की ठंढी वादियों का लुत्फ उठाने का जिम्मा लिया है। केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी अब विशेष आकस्मिक अकाश का लाभ उठाकर गुलमर्ग की वादियों में स्काइ डाइविंग और मनाली जाकर रॉक क्लाइंबिंग का आनंद ले सकेंगे। वो भी खुद की जेब से बिना फूटी कौड़ी खर्च किए।
मोदी सरकार ने अपने 50 लाख कर्मियों को रॉक क्लाइंबिंग व पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचक खेलों में भाग लेने को कहा है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि इससे जोखिम उठाने की क्षमता और टीम भावना बढ़ेगी। खास बात यह है कि इस एक्स्ट्रा कलीकुर एक्टिविटी का खर्च भी सरकार वहन करेगी।
कर्मचारियों में रोमांचक खेलों को बढ़ावा देने का केंद्र का यह कदम दरअसल उनके बीच तनाव की खतरनाक स्थिति और लंबे समय तक बैठे रहने के कुप्रभाव से निपटने के लिए है। Department of Personnel & Training (DOPT) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, यह जोखिम उठाने, मिलकर टीम के रूप में काम करने, चुनौतिपूर्ण स्थितियों में तत्परता एवं उचित प्रतिक्रिया और स्थिरता की भावना का सृजन एवं पोषण करेगा।
DOPT इसके लिए 6 संस्थानों के माध्यम से 7 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन संस्थानों में हिमाचल प्रदेश का अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट, जम्मू-कश्मीर का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्कीइंग एंड माउंटेनियरिंग, गोवा का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट, उत्तरकाशी का नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग शामिल हैं।
इन गतिविधियों में ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, रॉक क्लाइंबिंग, दुर्गम रास्तों पर साइकलिंग, स्कीइंग, सर्फिंग, नौकायन, राफ्टिंग, पैरासेलिंग, गोताखोरी, बलूनिंग, पैरा ग्लाइडिंग, जंगल सफारी, डेजर्ट सफारी, बीच ट्रैकिंग और पर्यावरण जागरूकता शिविर आदि शामिल है। सरकार इसके लिए प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपए खर्च करेगी।