पश्चिम बंगाल / कोलकाता : एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CBI द्वारा मिले नोटिस पर भाजपा पर हमला बोल दिया है। रविवार को ममता ने अपने बयान में कहा कि CBI ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को नोटिस नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसा टीएमसी के साथ मिलकर करवाया है। ममता ने कहा कि शायद भाजपा को लगता है कि टीएमसी ही एक ऐसी पार्टी है जो लड़ सकती है। ममता ने कहा कि CBI प्रधानमंत्री का विभाग है।
उन्होंने कहा कि CBI बिना प्रधानमंत्री के आदेश के कुछ नहीं करती। तृणमूल कांग्रेस से CBI ने इनकम की डिटेल मांगी है। CBI के इस कदम से ममता बेहद खफा हैं। हालांकि ममता शारदा चिट फंड स्कैम की जांच में भी CBI की भूमिका से नाराज हैं। टीएमसी चीफ शारदा स्कैम मामले में भी CBI पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगा चुकी हैं। दूसरी तरफ भाजपा ममता के आरोपों को पश्चिम बंगाल में टीएमसी की खिसकती राजनीतिक जमीन से जोड़कर देखती है।
भाजपा ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस को भेजे गए CBI के नोटिसों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। पार्टी ने कहा कि जांच एजेंसी केवल अपना काम कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि CBI की जांच में पार्टी के खातों और उनकी ऑडिटिंग के बारे में सचाई सामने आएगी।
निकाय चुनावों से पहले सरकार पर आतंक फैलाने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने वाले सिंह ने कहा, "CBI सच का पता लगाने के लिए खुद जांच कर रही है। मोदीजी इस तरह की चीजों में विश्वास नहीं रखते।" ममता ने शुक्रवार को मोदी को चेतावनी दी थी कि उन्हें सैकडों CBI नोटिस भेज दें। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा भूमि अधिग्रहण विधेयक समेत मोदी की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही तृणमूल कांग्रेस की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
ममता ने एक रैली में कहा था, "नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जो भी बोलेगा, उसे नोटिस भेज दिया जाएगा। यह उनका काम है। मैं उनसे डरती नहीं हूं। मुझे पता है कि कैसे लड़ाई लड़नी है।" सिंह ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर राज्य के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ममताजी ने अपनी पार्टी की उचित लेखा और ऑडिट रिपोर्ट तक CBI को नहीं दी।"