कावेरी जल विवाद: कर्नाटक के तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा सख्त, कांग्रेस सरकार को हिंसा की आशंका
कावेरी जल विवाद: कर्नाटक के तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा सख्त, कांग्रेस सरकार को हिंसा की आशंका
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बेंगलुरु: सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश देने के एक दिन बाद, बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने शहर के सभी पुलिस उपायुक्तों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हाई अलर्ट पर रहने के लिए एक परिपत्र जारी किया। कमिश्नर ने DCP को उन इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने का भी आदेश दिया है, जहां तमिल आबादी बड़ी संख्या में हैं। हालाँकि, यह भी गौर करने वाली बात है कि, कर्नाटक में शासन कर रही कांग्रेस और तमिलनाडु की सत्ताधारी DMK, दोनों पार्टियां भाजपा के खिलाफ बनाए गए 26 दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा हैं, लेकिन कावेरी के जल को लेकर आपस में उलझे हुए हैं। मामला, सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है, ऐसे में विरोधी दल ये भी सवाल उठा रहे हैं कि, जब ये दोनों दल (कांग्रेस और DMK) आपसी विवाद नहीं सुलझा पा रहे हैं, तो 26 दल  सत्ता में आने के बाद देश की समस्याएं कैसे सुलझाएंगे ?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नाराज कई संगठनों ने बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और एहतियात के तौर पर पुलिस कमिश्नर ने DCP को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया है। पुलिस कमिश्नर ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर DCP को सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है। शीर्ष पुलिस ने अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में निम्नलिखित स्थितियों के लिए सतर्क रहने का आदेश दिया है।

1- किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक समूह विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर यातायात रोकने का प्रयास कर सकते हैं।

2- तमिलनाडु की बसों या तमिलनाडु पंजीकृत निजी वाहनों पर पथराव से बचने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

3- शहर में जिन इलाकों में उच्च घनत्व वाली तमिल आबादी रहती है, वहां हिंसा की आशंका है।

4- चूंकि कई फिल्मी सितारे कावेरी मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, इसलिए आने वाले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन तेज हो सकता है।

5- तमिल भाषी क्षेत्रों जैसे डीजे हल्ली, केजी हल्ली, जेसी नगर, मडीवाला, सिटी मार्केट, बीटीएम लेआउट जयनगर और अन्य क्षेत्रों में हिंसा से बचने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

6- उन सिनेमाघरों और मॉलों पर विरोध प्रदर्शन हो सकता है जहां तमिल फिल्में दिखाई जाती हैं।

7- प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के कार्यक्रमों के दौरान विरोध प्रदर्शन हो सकता है। 

पुलिस कमिश्नर ने सभी DCP को ऐसी गतिविधियों की पहले से जानकारी जुटाने और इससे बचने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। उम्मीद है कि विभिन्न कन्नड़ संगठन शीर्ष अदालत से कावेरी मुद्दे पर अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 

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