![भाजपा के पास हर जहरीले सांप का जहर उतारने का मंत्र है: मोदी](https://media.newstracklive.com/uploads/taja-khabar/politics/Jun/16/big_thumb/bjp_557fc802b6c35.jpg)
पटना : इन दिनों बिहार में सत्ता हथियाने को लेकर खूब प्रयास किये जा रहे है. ऐसे में साप और नेवले की लड़ाई शुरू हो गयी है. इन दिनों बिहार में बारिश के साथ ही बयानों, आलोचनाओं और टिप्पणियो की भी झमाझम वर्षा हो रही है. हाल ही में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा गंठबंधन के पास खतरनाक जहरीले सांपो का जहर उतारने के तंत्र मंत्र है. लालू-नीतीश की मित्रता की तुलना उन्होंने सांपनाथ और नागनाथ से करते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी ने अच्छे-अच्छे जहरीले सांपो का जहर ख़त्म कर दिया था.
राजद-जदयू-कांग्रेस का महागंठबंधन अस्तित्व पर खतरा मंडराते देख इन सांपो ने अपनी जोड़ी बनाई है. उन्होंने तरह तरह की चीजो से दोनों की तुलना की. वे बोले कि लालू प्रसाद ने कभी तो नीतीश कुमार को बबूल का पेड़ कहा और अब वे उन्हें जहर के समान बता रहे है. जिस जनता परिवार में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को ही जहर के सामान बताया जा रहा है, उससे राज्य की जनता को क्या लाभ होगा ? लालू प्रसाद सत्ता हथियाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है. लालू को सत्ता का स्वार्थ है उनका विकास से कोई सम्बन्ध नहीं है. नमो ने कहा कि लालू प्रसाद और मुलायम सिंह पर कांग्रेस के दबाव चलते नीतीश कुमार ने भले ही खुद को नेता कहलाने में सफलता हासिल कर ली है, लेकिन आगे का रास्ता जटिल है. नीतीश कुमार को याद हो तो इन्ही सांपो की जोड़ी के फन ने उनके सुशासन का अंत किया था.
समाजवादियों का इतिहास रहा है कि उनके सत्ता में आने के श्री गणेश के साथ ही विवादों का भी शुभारम्भ हो जाता है. वे अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते है जनता पर तो उनका ध्यान ही नहीं जाता है. इन लोगों ने 1978-79 में जनता पार्टी को विभाजित कर जेपी और देश की जनता के भरोसे को तोडा था. इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी का कारण उनके गुण नहीं अपितु की समाजवादियों की प्रतिक्रिया का परिणाम थी. आज फिर ये दोनों वही कहानी दोहराना चाहते है और जनता परिवार के नाम एक होकर फिर जनता से धोखा करने की कहानी गड रही है.