शिंगणापुर के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न मिलना नहीं है अपमान
शिंगणापुर के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश न मिलना नहीं है अपमान
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मुंबई​ : महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे एक बार फिर विवादों में घिर गईं हैं। इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के लोकप्रिय दर्शनीय स्थल शिंगणापुर मंदिर को लेकर बयान दिया। जिससे विवाद हो गया। पंकजा मुंडे द्वारा यह कहा गया कि सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता है। पंकजा द्वारा यह भी कहा गया कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के जाने पर प्रतिबंध है। आखिर यह एक परंपरा है। इसमें महिलाओं के अपमान का कोई प्रश्न नहीं है।

पंकजा ने कहा कि उनके जन्म से भी पहले यहां पर महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रथा का एक भाग है। दरअसल श्री हनुमान बालब्रह्मचारी थे। हनुमानजी के यहां महिलाएं नहीं जाती थीं। यह एक परंपरागत विषय है। शनि देव श्री हनुमान जी के ही अंश हैं।

उल्लेखनीय हे कि बीते सप्ताह महिला के शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश करने और शनि देव की प्रतिमा का पूजन करने पर जमकर बवाल मचा था। इसके बाद मंदिर परिस को शुद्ध करने की प्रक्रिया की गई। दरअसल यह महिला शनि देव की शिला के बिल्कुल समीप पहुंच गई। जिससे लोगों में बवाल मचने लगा। उल्लेखनीय है कि सदियों पुरानी परंपरा है कि महिलाऐं शनि शिंगणापुर में महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता। मंदिर में महिलाऐं दूर से ही दर्शन करती हैं। 

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