Mar 28 2016 09:39 AM
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना आदर्श मामला है. जेटली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता. आप को बता दें कि’’केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जब उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन की संस्तुति की तो जेटली ने ही राष्ट्रपति को इसके बारे में बताया.उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 9 दिनों से उत्तराखंड में संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है.’
वित्तमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में अध्यक्ष ने विनियोग विधेयक को पारित मान लिया, जबकि सदन में मौजूद आधे से अधिक सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की थी. उससे आधार पर मतदान होना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन 18 मार्च को 68 विधायक सदन में थे, जिनमें से 35 ने मत विभाजन की मांग की थी.’’
जेटली ने कहा, ‘‘विधायकों ने कहा था कि उन्होंने विनियोग विधेयक के विरोध में वोट किया था. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला उदाहरण है, जब एक नाकाम विधेयक को बगैर मतदान के पारित कर दिया गया. आप को बता दें कि रविवार से उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
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