अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस: भारत की मिट्टी में रचा बसा है 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र
अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस: भारत की मिट्टी में रचा बसा है 'वसुधैव कुटुंबकम' का मंत्र
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हर साल 20 दिसम्बर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने एकता का संदेश देने के लिए 20 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस घोषित कर रखा है। अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस का उद्देश्य, लोगों को विविधता में एकता की अहमियत बताते हुए जागरूकता फैलाना हैं। विश्व के विभिन्न देश इस दिन अपनी लोगों के बीच शांति, भाईचारा, प्यार, सौहार्द और एकता के संदेश का प्रसार करते हैं।

बता दें कि, भारत, प्राचीन काल से ही 'वसुधैव कुटुंबकम' यानी समूचा विश्व एक परिवार है और हम सभी इसके सदस्य हैं का पालन करता रहा है। मानव एकता और सभी को समान भाव से देखने का दृष्टिकोण भारत की मिट्टी में अनंत काल से समाहित है। किन्तु कुछ राष्ट्रों या यूँ कहें कि कुछ लोगों की भावना अभी भी इससे थोड़ी अलग है। उन्हें ही मानव एकता और समभाव का महत्व समझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाया जाता है। 

यह तो हम सभी जानते हैं कि संगठन ही समस्त शक्तियों की जड़ है, एकता के बल पर ही अनेक देशों का निर्माण हुआ है और एकता के बगैर कोई भी देश कदापि उन्नति नहीं कर सकता। राष्ट्रीय एकता का अर्थ ही होता है, राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बरक़रार रहना। राष्ट्रीय एकता में सिर्फ शारीरिक समीपता ही महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि उसमें मानसिक, बौद्धिक, वैचारिक और भावात्मक निकटता की समानता अत्यंत आवश्यक है।

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