जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से प्रशासन ने सख्ती कर रखी है. जिसके तहत कई नेता को नजरबंद कर दिया गया था. ताकि किसी भी प्रकार का उपद्रव न हो. प्रशासन के इस कदम का व्यापक अदर भी देखने को मिला है. वही दूसरी ओर मंगलवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद की बरसी पर सभा के आयोजन की योजना पूरी नहीं होगी. दिवंगत नेता की कब्र पर सिर्फ उनके परिजन ही श्रद्धासुमन अर्पित कर सकेंगे. महबूबा मुफ्ती अपने पिता को श्रद्धांजलि नहीं दे पाएंगी, लेकिन उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को श्रद्धासुमन अर्पित करने की इजाजत मिल गई है. मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन सात जनवरी 2016 को हुआ था.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पांच अगस्त 2019 से कश्मीर में लगभग निष्कि्रय नजर आ रहे पीडीपी नेता बीते एक पखवाड़े से मुफ्ती मोहम्मद की बरसी को लेकर सक्रिय नजर आ रहे थे. उन्होंने सात जनवरी को दारा शिकोह बाग, बिजबिहाड़ा स्थित कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करने की योजना बनाई थी.
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बीते दिनों श्रीनगर में भी संगठन के नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें वह आगे की रणनीति पर चर्चा करने वाले थे. इस दौरान लिए जाने वाले फैसले व प्रस्ताव के बारे में हिरासत में बंद महबूबा मुफ्ती को देकर उनकी सहमति प्राप्त करने वाले थे. महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती इस पूरी कवायद की निगरानी और शोक सभा के आयोजन की कमान संभालने के लिए गत सप्ताह ही दिल्ली से श्रीनगर पहुंची थी और अपने नाना की कब्र पर जाने का प्रयास किया था. इससे रोकने पर उन्होंने कड़ा एतराज जताया और प्रशासन को पत्र भी लिखा था.
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