संसद के पूरे-पूरे सत्रों से 'गायब' रहते हैं राहुल गांधी, फिर कहते हैं- मुझे बोलने नहीं देते !
संसद के पूरे-पूरे सत्रों से 'गायब' रहते हैं राहुल गांधी, फिर कहते हैं- मुझे बोलने नहीं देते !
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नई दिल्ली: ब्रिटेन में पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय लोकतंत्र पर विवादित टिप्पणी करने और अमेरिका-ब्रिटेन से भारतीय मामलों में दखल देने की अपील करने के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार भाजपा के निशाने पर हैं। अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री ने मंगलवार (14 मार्च) को राहुल गांधी पर विदेश में भारत को अपमानित करने का इल्जाम लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की कला और कला के माध्यम से भ्रष्टाचार करना अच्छे से जानती है। उन्होंने कांग्रेस पर देश विरोधी एजेंडा चलाने का भी इल्जाम लगाया है।

दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी ने ब्रिटेन में मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। इस पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि, 'राहुल गांधी विदेश जाते हैं और वहां देश का अपमान करते हैं। उन्हें संसद में आना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी कहते हैं कि उन्हें संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है, मगर लोकसभा में उनकी अटेंडेंस अन्य सांसदों की एवरेज अटेंडेंस से भी कम है।'

संसद में कितना जाते हैं राहुल गांधी:-

बता दें कि, संसद में कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति महज 52% रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 79 प्रतिशत है और जिस राज्य केरल से राहुल सांसद हैं, वहां के सांसदों की उपस्थिति का औसत 84% है। यही नहीं, कभी कभी तो राहुल गांधी पूरे सत्र से ही नदारद रहते हैं। 2022 के शीतकालीन सत्र और 2020 के मॉनसून सत्र में राहुल गांधी एक भी दिन संसद नहीं गए। संसद में बोलने न देने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी सदन में चल रही बहस में भी हिस्सा लेते कम ही नज़र आते हैं। जहाँ भारत के सांसद, औसतन 41 बहस में हिस्सा लेते हैं, वहीं राहुल गांधी का स्कोर महज 6 है। 

वहीं, राहुल जो आरोप लगाते हैं कि, सरकार सवालों पर जवाब नहीं देती है। उसके भी आंकड़ों पर नज़र डालें तो राहुल गांधी ने संसद में 2019 और 2023 के बीच 92 सवाल पूछे हैं, जबकि सांसदों का सवाल पूछने का राष्ट्रीय औसत 163 है, और केरल के सांसदों का औसत तो 216 है। यही नहीं, राहुल गाँधी ने सांसद रहते हुए एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया है, जबकि केरल के सांसद औसतन 3.7 प्राइवेट मेंबर बिल पेश करते हैं, यानी हर सांसद 3 से अधिक बिल पेश करता है। इन सब बातों को यदि देखा जाए तो राहुल का ये आरोप केवल राजनितिक लगता है कि, उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता। इसी बजट सत्र के दौरान जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलना था, तब राहुल गांधी लगभग 1 घंटे के भाषण में अग्निवीर, भारत जोड़ो यात्रा और अडानी को लेकर पीएम मोदी पर निजी हमले करते नज़र आए थे। जबकि, मुद्दा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद का था। 

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