लद्दाख में भारतीय वायु सेना ने विश्व के सबसे ऊंचे मोबाइल एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावरों में से एक का निर्माण किया है। न्योमा के एडवांस लैंडिंग ग्राउंड में एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर स्थापित किया गया है, ये पूर्वी लद्दाख इलाके में चल रहे फिक्स्ड विंग विमानों तथा हेलीकॉप्टरों के संचालन को कण्ट्रोल करता है। बीते एक वर्ष से भी ज्यादा वक़्त से 14,000 फीट से लेकर 17,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बहुत कम तापमान में सेना ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता किया है।
Nyoma, Ladakh | The Indian Air Force (IAF) has built one of the world’s highest mobile air traffic control towers at the Advanced Landing Ground here. The ATC controls operations of the fixed wing aircraft and helicopters operating in the eastern Ladakh region pic.twitter.com/dAXW7P2ezQ
— ANI (@ANI) August 10, 2021
वही सेना के एक अफसर ने कहा, ‘हमने शून्य से -45 डिग्री सेल्सियस तापमान तक, पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिताया है। हमने इन तापमानों में और कठिन क्षेत्र में रहते हुए टैंकों को ऑपरेट करने की अपने मानक प्रक्रिया को बहुत विकसित किया है।’ पूर्वी लद्दाख में LAC के समीप चीन के साथ तनाव के मध्य भारतीय सेना निरंतर मजबूती के साथ डटी है। इन क्षेत्रों में टैंक रेजिमेंटों की तैनाती के एक वर्ष पश्चात् अब क्षेत्र में भारतीय सेना टैंकों के उपयोग को लेकर और ज्यादा अभ्यस्त हो चुकी है।
वही भारतीय सेना ने ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत चीनी सेना की आक्रामकता को उत्तर देने के लिए बीते वर्ष T-90 भीष्म तथा T-72 अजय टैंक सहित बड़ी संख्या में टैंकों को तैनात किया था। पूर्वी लद्दाख के गोगरा में लगभग 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के पश्चात् हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं ने अपने-अपने जवानों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की। साथ ही जमीनी स्थिति को गतिरोध से पहले की अवधि के समान बहाल कर दिया है।
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