आखिर क्यों अबॉर्शन को लेकर भड़क रहे लोग, जानिए...?
आखिर क्यों अबॉर्शन को लेकर भड़क रहे लोग, जानिए...?
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वाशिंगटन: अमेरिका में अबॉर्शन (Abortion) यानी गर्भपात को लेकर हंगामा मच गया है हर तरफ बहस शुरू हो चुकी है। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने अबॉर्शन को कानूनी तौर पर मंजूरी देने वाले  तकरीबन 50 वर्ष पुराने ऐतिहासिक निर्णय को पलट कर रख दिया है जिसके बाद से यहां विरोध स्वर उठते हुए दिखाई दे रहे हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की ओर से रो बनाम वेड (Roe v Wade) निर्णय को पलटने के उपरांत अमेरिका में महिलाओं के लिए गर्भपात के हक का कानूनी दर्जा भी खत्म हो चुका है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय में साफ कर दिया है कि देश का संविधान अबॉर्शन का अधिकार नहीं प्रदान करेगा।

अमेरिका में अब इसकी पूरी संभावना है कि देश के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने अलग नियम भी बनाने वाले है। अमेरिका के अधिकतर दक्षिणी और मध्य-पश्चिमी राज्यों में अबॉर्शन को अवैध किया जाने वाला है तो वही कुछ राज्यों में इसमें छूट भी प्रदान की जा रही है।

अमेरिका में अबॉर्शन का कानून कैसे बदल जाएगा?: अमेरिका में गर्भपात का संवैधानिक हक छीने जाने के उपरांत मानवाधिकार के लिए सजग लोग, एक्टिविस्ट और नेता सड़क पर आ चुके है। कहा जा रहा है कि कोर्ट के इस निर्णय से अमेरिकियों के जीवन को बदलने वाला है, देश की सियासत को नयी दिशा देगा और अमेरिका के लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर पूर्ण प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है। रो बनाम वेड (Roe v Wade) के निर्णय को पलटने के साथ ही अमेरिकी राज्यों को फिर से गर्भपात पर पूरी तरह से बैन लगाने की मंजूरी मिल रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं  का इस बारें में बोलना है कि यह अमेरिकी महिलाओं की आजादी, आत्मनिर्णय की क्षमता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की राष्ट्रीय समझ को हमेशा के लिए बदलने वाला है।

US सुप्रीम कोर्ट का क्या था 1973 का फैसला?: अमेरिका में अबॉर्शन को लेकर जिस निर्णय को बदल दिया है वो अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1973 में दिया था। इसी केस का नाम रो बनाम वेड है। उस केस में नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की एक महिला के पहले से 2 बच्चे थे लेकिन वो तीसरा बच्चा करना नहीं चाह रही थी। फेडरल कोर्ट ने उन्हें गर्भपात करने की अनुमति नहीं दी जिसके कुछ वक़्त के उपरांत उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने पक्ष में निर्णय सुनाते हुए अबॉर्शन की अनुमति दे दी। उस दौरान अदालत का कहना था कि गर्भ को लेकर निर्णय महिला का होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के उपरांत अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का हक दिया गया था। 

क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?: अमेरिका में गर्भपात के संवैधानिक दर्जा छीने जाने से कई लोगों में गुस्सा देखने के लिए मिल रहा है। महिलाएं गर्भपात के अधिकार की मांग भी करने में लगे हुए है। अबॉर्शन के हक के लिए देश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन भी शुरू कर दिए गए थे। अधिकतर अमेरिकियों की राय है कि 1973 के रो बनाम वेड के निर्णय को बनाए रखा जाना चाहिए। 1973 के निर्णय सुप्रीम कोर्ट  ने बोला था कि गर्भ रखने या न रखने का फैसला करना महिलाओं का अधिकार है। 

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