तेलंगाना: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आकस्मिक मौतों और आत्महत्याओं के अनुसार, तेलंगाना राज्य में दुर्घटना के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है. विस्तृत रिपोर्ट बताती है कि ये दुर्घटनाएं और मौतें ओवर स्पीडिंग के कारण होती हैं. एक साल के अंतराल में मामलों की संख्या 6,603 से बढ़कर 6,964 हो गई है.
राज्य 6,964 घातक दुर्घटनाओं के साथ नौवें स्थान पर रहा, जबकि पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश 7,964 मामलों के साथ छठे स्थान पर रहा. सबसे ज्यादा घातक दुर्घटनाओं की संख्या यूपी में हुई. जहां हादसों में 23,285 लोगों की जान चली गई.
तेलंगाना पुलिस उस व्यवस्था को लाने की कोशिश कर रही है जिसमें उन व्यक्तियों का लाइसेंस निलंबित किया जाना चाहिए जो शराब के नशे में गाड़ी चलाएंगे. उन्होंने परिवहन विभाग से कहा है कि वह ओवर स्पीडिंग के लिए ऐसा ही करे और सेल फोन का इस्तेमाल करते वक़्त गाड़ी न चलाएं. सड़क सुरक्षा और रेलवे के अतिरिक्त महानिदेशक संदीप शांडिल्य ने कहा है कि "ड्राइवरों को अन्य ड्राइवरों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और दूसरों का ध्यान रखना चाहिए, खासकर उनका जो सड़क पर चल रहे है" . उनके मुताबिक अब तक 485 ब्लैक स्पॉटस की पहचान की जा चुकी है. लेकिन अब टीम ने इस घटना के सील सिले को सुलझाने के लिए इस प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य कर दिया है.
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