भारत के अलावा दुनिया के कई देश इस समय ऐसा उपाय तलाशने में जुटे हैं जिससे किसी के जल्द से जल्द कोरोना पाजिटिव या निगेटिव होने की बात पता चल सके. ब्रिटेन के ईस्ट यार्कशायर के हल शहर की फर्म बायोसेल एनालिटिक्स का दावा है कि उसने ऐसी जांच किट बना ली है जो पांच मिनट में ही कोरोना मरीज की पुष्टि कर देगी. भारतवंशी प्रोफेसर मनीष सिंह ने अपनी फर्म द्वारा विकसित जांच किट की विशेषताएं बताते हुए कहा कि ब्रिटेन में कोरोना के संदिग्धों को अपनी की जांच रिपोर्ट के लिए अभी कम से कम 48 घंटे इंतजार करना होता है. लेकिन इस किट से पांच मिनट में ही जांच हो जा रही है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह किट इन प्रचलित किट के मुकाबले काफी सस्ती है. इसकी कीमत मात्र दो पौंड पड़ेगी. बायोसेल एनालिटिक्स के शोधकर्ता मनीष सिंह के अनुसार कोरोना संदिग्ध के स्वैब पर लिये गये नमूने पर जब इन्फ्रारेड किरणें डालकर एक प्रतिक्रिया कराई जाती है तो अधिकतम सात मिनट के अंदर पता चल जाता है संबंधित व्यक्ति कोरोना पाजिटिव है कि नहीं. मनीष ने बताया कि मरीज का नमूना जांच करने वाली मशीन में रखा जाता है. इसके बाद एक लैब डायमंड के जरिये इन्फ्रारेड किरणें छोड़ीं. इनसे निकली तरंग जब नमूने से होकर गुजरती तो उससे एक फिंगरप्रिंट जैसा स्पेकट्रम बनता है. इस फिंगरप्रिंट स्पेक्ट्रम के कंप्यूटर पर विश्लेषण करके यह पता लगाया जा सकता है कि कौन कोरोना पाजिटिव है और कौन निगेटिव.
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वायरस के प्रकोप के बीच अमेरिका की प्रतिष्ठित फर्म एबट लेबोरेट्रीज ने पांच मिनट में नतीजे देने वाली जांच किट की आपूर्ति शुरू भी कर दी है. हालिया विकसित इस किट को अमेरिकी नियंत्रक संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनेस्ट्रशन (एफडीए) ने दो हफ्ते पहले ही मंजूरी दी है. फर्म ने नाक से तरल नमूना लेने वाले स्वैब की पचास हजार किट तैयार की है. फर्म का दावा है कि इनका अस्पताल, क्लीनिक और डाक्टरों के आफिस में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस किट से किसी संदिग्ध के पाजिटिव होने का परिणाम पांच व निगेटिव होने का परिणाम 13 मिनट में मिल जायेगा. मरीज जांच क्लीनिक से बाहर भी नहीं निकल पायेगा तब तक उसे परिणाम मिल जायेगा.
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