बयान के कारण विवादों में घिरे केरल के मंत्री
बयान के कारण विवादों में घिरे केरल के मंत्री
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तिरूवनंतपुरम: केरल के मंत्री जी. सुधाकरन ने उन आयोजनकर्ताओं से बगैर दीप जलायें ही कार्यक्रमों की शुरूआत करने के लिये कहा है, जो कार्यक्रम की शुरूआत में या तो अतिथियों के हाथों दीप जलवाते है या फिर स्त्रोत पाठ का उच्चारण कराते है। सुधाकरन ने कहा है कि हमारा संविधान का कोई धर्म या जाति नहीं है, इसलिये कार्यक्रम की शुरूआत बगैर दीप प्रज्जवलन से भी तो की जा सकती है।

मंत्रीजी ने भले ही यह बयान दे दिया हो, लेकिन अब वे विवादों में फंस गये है। दरअसल मंत्रीजी अलपुझा जिले में एक कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिये आये थे। बताया गया है कि उन्होंने वहां आयोजकों को दीप प्रज्जवलन करने से इनकार करते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि वे किसी कार्यक्रम में दीप प्रज्जवलन का विरोध नहीं करते है, लेकिन कम से कम सरकारी कार्यक्रमों में तो इस पुरानी पंरपरा को बंद कर दिया जाना चाहिये। 

गौरतलब है कि किसी भी कार्यक्रम की शुरूआत करने के लिये दीप प्रज्जवलित किया जाता है, लेकिन केरल के लोक निर्माण मंत्री सुधाकरन को इससे आपत्ति है। अब मंत्री महोदय को अपने इस बयान से विरोध सहना पड़ रहा है। मंत्री जी ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों या सार्वजनिक कार्यक्रमों में किसी धर्म विशेष की प्रार्थना नहीं होना चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रार्थना की बजाय देशभक्ति पूर्ण गीत गाएं जायंे तो लोगों में देशभक्ति की भावना और अधिक जाग्रत होगी।

झील के बीचों-बीच भगवान विष्णु का मंदिर जिसकी रक्षा करता है एक मगरमच्छ

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