नई दिल्ली : जैसे -जैसे लोक सभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं , वैसे -वैसे विपक्ष की एकता के प्रयास भी तेज होते जा रहे हैं.इसी कड़ी में सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों को एकजुट करने के मकसद से 13 मार्च को भोज का आयोजन किया है. लेकिन इससे पहले आज शुक्रवार को एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि 2019 में मोदी सरकार को नहीं बनने देंगे .
बता दें कि अपने साक्षात्कार में सोनिया गाँधी ने कहा कि 2019 में उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा मोदी सरकार द्वारा किए गए वादें ही होंगे .बीते 5 वर्षों में किए गए वादे ही मुख्य मुद्दा होंगे क्योंकि पूरा कार्यकाल खत्म होने के बाद भी उनके सारे वादे सिर्फ सुनहरे वादे ही रह गए. इसका हाल भी एक बार फिर शाइनिंग इंडिया जैसा होने जा रहा है. हम 2019 में वापसी करेंगे.
यही नहीं अपने साक्षात्कार में हमारा समाज, हमारी आजादी सभी इस वक्त खतरे में है.सत्ताधारी दल की तरफ से भडक़ाऊ बयान अचानक नहीं है.यह एक खतरनाक डिजाइन का एक हिस्सा है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्मादी भीड़ और निजी सेना को राज्य के संरक्षण में खुली छूट दी हुई है.देश के संविधान को बदलने के लिए संवेदनहीन बयान दिए जा रहे हैं. देश में रोजगार की समस्या गंभीर है, किसानों की कई समस्याएँ हैं. राजनीतिक दलों को जांच एजेंसियों की मदद से दबाया जा रहा है. नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है.अब देखना यह है कि सोनिया की डिनर डिप्लोमेसी क्या गुल खिलाती है.
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