आज से 68 वर्ष पूर्व जन-गण-मन को मिला था राष्ट्रगान का दर्जा
आज से 68 वर्ष पूर्व जन-गण-मन को मिला था राष्ट्रगान का दर्जा
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आज का दिन भारतीय इतिहास के लिए बेहद ही ख़ास दिन हैं. दरअसल, आज ही के दिन साल 1950 में स्वतत्रंता प्राप्ति के बाद भारत को रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित जन-गण-मन राष्ट्रगान के रूप में प्राप्त हुआ था. जन-गण-मन आज हर भारतीय को गौरव के पलों में शुमार करता हैं. राष्ट्रगान देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी संगीत रचना है, जो उस देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति की व्याख्या करती हैं. आइये आज इस अवसर पर जानते हैं हमारे राष्ट्रगान जन-गण-मन से जुड़ी कुछ और रोचक और दिलचस्प बातें. 

हमारे राष्ट्रगान से जुड़ी कुछ खास और दिलचस्प बातें...

- भारत के महान कवि, दार्शनिक, साहित्यकर, और एशिया के पहले नोबल पुरस्कार विजेता श्री रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा जन-गण-मन की रचना की गई थी. 

- राष्ट्रगान पहली बार  27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कोलकाता (तब कलकत्ता) सभा में गाया गया था. 

- हमारे राष्ट्रगान में कुल 5 पद हैं. 

- पूरे राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेण्ड का समय लगता हैं. 

- राष्ट्रगान के संस्करण की अवधि करीब 20 सेकण्ड हैं. 

- रवींद्रनाथ टैगोर ने जन-गण-मन लिखने के साथ इसे गया भी है. 

- जन-गण-मन को इसके अर्थ के कारण राष्ट्रगान बनाया गया. 

- हर भारतीय इस बात का भी बखूबी ध्यान रखे कि, जब भी राष्ट्रगान या राष्ट्रगान की धुन बजे तो वे खड़े होकर सावधान की मुद्रा में इसका सम्मान करें. 

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