फोन की बैटरी के बारे में ऐसे पांच झूठ जो लगते थे सच
फोन की बैटरी के बारे में ऐसे पांच झूठ जो लगते थे सच
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दुनिया में मोबाइल उपभोक्ता की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। इसके साथ ही इन डिवाइसेज के उपयोग और मेंटेनेंस के तरीकों में वृद्धि हुई हैं। तो ऐसे में फोन के लिए सबसे महत्वपूर्ण इसकी बैटरी है, इसके अलावा जिसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हालांकि, मोबाइल फोन को लेकर कई सारी अफवाहें हैं, जिनपर लोग आंख मूंद कर विश्वास करते हैं। वही आज हम आपको स्मार्टफोन की बैटरी से जुड़े कई झूठ के बारे में बताएंगे, जिनकी सच्चाई जानकर आप हैरान हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं मोबाइल की बैटरी की सच्चाई| 

ओवर चार्जिंग से फोन की बैटरी को नहीं होता है नुकसान
आमतौर पर माना जाता है कि फोन को ओवर चार्ज करने से फोन की बैटरी को बहुत नुकसान होता है।इसकी लावा  ओवर चार्जिंग से फोन की बैटरी ब्लास्ट भी हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि फोन की बैटरी में ऐसा सिस्टम दिया जाता है, जिससे फोन फुल चार्ज होने पर इलेक्ट्रिसिटी को डिस्कनेक्ट कर देता है। इस सिस्टम से फोन की बैटरी को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एपल ने आईफोन 10 और आईफोन 11 में ऑप्टिमाइज़ बैटरी चार्जिंग फीचर दिया है। वही इस फीचर के जरिए फोन 80 फीसदी बैटरी खत्म होने पर मौजूदा एप्स को ऑप्टिमाइज कर देता है, जिससे बैटरी 20 फीसदी होने पर ड्रेन नहीं होती है।

पूरी बैटरी खत्म होने के बाद करें चार्ज 
सभी का मानना है कि स्मार्टफोन की बैटरी को जीरो से चार्ज करना चाहिए। परन्तु  विशेषज्ञों का कहना हैं कि ऐसा करने से फोन की बैटरी को नुकसान होता है। डिस्चार्ज होने से बैटरी में रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं, जिससे बैटरी बैकअप कम हो जाता है। वहीं, कई टेक कंपनियां इस समस्या से निपटने के लिए अपने फोन में बैटरी मैनेंजमेंट फीचर देती हैं, जो एप्स को ऑप्टिमाइज कर बैटरी लेवल को जीरो नहीं होने देता है।

फोन की बैटरी को फ्रिजर में रखने से बैकअप होता है अच्छा
ज्यादातर लोग फोन गरम होने पर बैटरी को निकाल देते हैं या फिर बैटरी को फ्रिजर में रख देते हैं। परन्तु  ऐसा करने से बैटरी को ही नुकसान पहुंचता है और बैटरी बैकअप में सुधार भी नहीं होता है। हालांकि, बैटरी बैकअप को बढ़ाने के लिए फोन में मौजूदा फीचर्स को इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके साथ ही उन एप्स को डिलीट कर देना चाहिए, जिनका ज्यादा उपयोग नहीं होता हैं।

फोन की बैटरी को सार्वजनिक पोर्ट से चार्ज करना है सुरक्षित
ज्यादातर लोग एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर लगे चार्जिंग पोर्ट से फोन चार्ज करते हैं। साथ ही उन्हें लगता है कि इससे फोन चार्ज करना बहुत सुरक्षित है। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि इससे लोगों का निजी डाटा लीक हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना हैं कि हैकर्स इस तरह के चार्जिंग पोर्ट पर रीडर पोर्ट लगा देते हैं, जिससे लोगों की निजी फोटो, वीडियो और मैसेज लीक हो जाती हैं। तो ऐसे में लोगों फोन चार्ज करने के लिए पावरबैंक का इस्तेमाल करना चाहिए, जो कि बहुत सुरक्षित तरीका है।

फोन की बैटरी को दूसरे चार्जर से होता है नुकसान 
सभी जानते हैं कि फोन को उसके असली चार्जर से ही चार्ज करना चाहिए, क्योंकि इससे बैटरी को नुकसान नहीं पहंचता है। साथ ही लोगों का मानना है कि फोन को दूसरे चार्जर से चार्ज करने पर बैटरी का बैकअप कम हो जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना हैं कि फोन को दूसरे केबल और चार्जर से चार्ज करने पर बैटरी को नुकसान नहीं होता है। हालांकि, इससे फोन की चार्जिंग स्पीड थोड़ी कम हो जाती है। 

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