17 वर्षीय नाबालिग लड़की को जबरन बनाया ईसाई, अब पादरी गुलाबन मसीह को काटनी होगी 3 साल की जेल
17 वर्षीय नाबालिग लड़की को जबरन बनाया ईसाई, अब पादरी गुलाबन मसीह को काटनी होगी 3 साल की जेल
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अहमदाबाद: गुजरात की एक अदालत ने जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित एक मामले में एक ईसाई पादरी को 3 साल जेल की सजा सुनाई है। आरोप है कि पादरी ने 17 वर्षीय नाबालिग लड़की और उसके परिवार को उसकी अश्लील तस्वीरें वायरल करने के लिए ब्लैकमेल कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया था। बता दें कि, गुजरात में यह पहली बार है कि किसी पादरी को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने पादरी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाबालिग पीड़िता अहमदाबाद के अमराईवाड़ी इलाके में रहती है और 11वीं कक्षा कि छात्रा है। पीड़िता को उसके पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने पादरी से मिलवाया। जान-पहचान बढ़ने के बाद नाबालिग एक बार पादरी के साथ चर्च गई। इसके बाद आरोपी पादरी गुलाबन परिखान मसीह ने उसका ब्रेनवॉश करना शुरू कर दिया। वह नाबालिग से कहता था कि ईसाई धर्म के अलावा कोई धर्म नहीं है। वह नाबालिग पर ईसाई धर्म अपनाने का भी दबाव बनाने लगा। लेकिन नाबालिग पीड़िता को यह अच्छा नहीं लगा और उसने चर्च जाना बंद कर दिया।

अश्लील फोटो खींचकर पादरी ने किया ब्लैकमेल:-

पीड़िता के चर्च जाना बंद करने के बाद भी आरोपी पादरी ने जबरन धर्मांतरण के अपने बुरे इरादे बंद नहीं किए। वह नाबालिग से उसके पिता के फोन पर वीडियो कॉल करता था। आरोप है कि वीडियो कॉल पर पादरी नाबालिग को ब्लैकमेल करता था और उसे अपने कपड़े उतारने और उसकी अश्लील तस्वीरें लेने के लिए कहता था। वह उसे बाइबल पढ़ने के लिए भी मजबूर कर रहा था। आरोप है कि आरोपी पादरी गुलाबन मसीह नाबालिग पीड़िता को 'आई लव यू' जैसे मैसेज भेजता था। लेकिन जब नाबालिग ने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया तो उसने उसे धमकाना शुरू कर दिया। वह उसकी अश्लील फोटो वायरल करने का दावा कर उसे ब्लैकमेल करता था।
 
आरोपी पादरी ने नाबालिग के परिवार को ये अश्लील तस्वीरें दिखाकर धर्म परिवर्तन के लिए भी मजबूर किया। आगे आरोप लगाया गया कि जब पीड़िता ने चर्च जाना बंद कर दिया, तो पादरी मसीह ने अपने 2 लोगों को पीड़िता के घर भेजा। जब उसके आदमियों ने पीड़ित के घर में मंदिर देखा, तो उन्होंने कहा 'इसमें शैतान है'। इसके बाद, उन्होंने भगवान की मूर्ति सहित मंदिर को घर से बाहर ले गए और उसे तोड़ दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में पादरी ने नाबालिग लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराने की धमकी दी है। अदालत ने कहा कि समाज को गुमराह करने वाले इस आपराधिक मानसिकता वाले पादरी को एक उदाहरण के रूप में दंडित किया जाना चाहिए। इसके बाद अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने पादरी गुलाबन मसीह को 3 साल की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 

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