SC का आदेश कैदियों को भी मिले सम्मान की जिंदगी
SC का आदेश कैदियों को भी मिले सम्मान की जिंदगी
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शुक्रवार से जेल सुधार शुरू कर दिए हैं. जिसके तहत कोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे विचाराधीन कैदियों की तिमाही समीक्षा करने के साथ ही कैदियों को गरिमापूर्ण जीवन मुहैया कराएं. SC ने कहा कि कैदियों को भी मान-सम्मान की जिंदगी जीने का हक है. आप को बता दें कि इस मामले में पहले भी कई आदेश जारी किए गए थे लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा था.

SC ने विचाराधीन समीक्षा कमेटी के कामकाज के बारे में कहा कि पैनल और स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी मीटिंग करें और जो कैदी सजा पूरी कर चुके हैं, उनकी रिहाई तय करें. इतना ही नहीं SC ने आदेश दिए कि जो कैदी बेल बॉन्ड नहीं भर पाते, उनकी रिहाई भी सिर्फ इस कारण न रुके कि उनके परिवार के पास पैसे नहीं हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्‍यूरो (NCRB) के 31 दिसंबर 2014 तक के आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय जेल में 1 लाख 84 हजार 386 कैदी बंद हैं, जबकि उसकी क्षमता 1 लाख 52 हजार 312 है. वहीं जिला जेलों की क्षमता 1 लाख 35 हजार 439 है, लेकिन उसमें एक लाख 79 हजार 695 कैदी बंद हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने पूछा कि क्या जमीनी स्तर पर कोई बदलाव आया है? NCRB के रेकॉर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैदियों की संख्या का जहां तक सवाल है तो देश भर में जेलों में काफी ज्यादा भीड़ है.और यह बढ़ती ही जा रहीं है

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